इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में दाखिल याचिकाओं पर आज आ सकता है फैसला

फाइनल आंसर की जारी होने के समय 142 जवाब पर थी आपत्ति, अब 18 बची

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69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए शनिवार का दिन एक बार फिर बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से आयोजित परीक्षा के जवाबों पर विवाद अब भी कायम है। एक्सपर्ट कमेटी अब भी सवालों के घेरे में है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले आपत्ति कुल 142 सवालों पर थी और अब यह संख्या 18 पर सिमट गयी है। शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के साथ इसकी लखनऊ बेंच में भी सुनवाई है। माना जा रहा है कि फैसला रिक्रूटमेंट प्रॉसेस पर असर डाल सकता है।

एक्सप‌र्ट्स ने खारिज कर दी आपत्तियां

परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी 2019 को हुई थी लेकिन, उसकी अंतिम उत्तरकुंजी नौ मई 2020 को जारी हुई। अभ्यर्थियों ने परीक्षा में पूछे गए 150 प्रश्नों में से 142 के जवाब पर आपत्ति की थी, केवल आठ सवालों को उन्होंने बख्स दिया। विषय विशेषज्ञों ने सभी आपत्तियां खारिज कर दी केवल तीन प्रश्नों को पाठ्यक्रम का बाहर का मानकर हटा दिया उसमें सभी को कामन अंक दिए गए हैं। अभ्यर्थी इसके विरोध में कोर्ट गए, लखनऊ खंडपीठ में करीब 13 सवालों तो इलाहाबाद हाईकोर्ट में 18 सवालों को चुनौती दी गई है। इनमें से 13 प्रश्नों के जवाब ऐसे हैं जिनकी दोनों पीठों में सुनवाई हो रही है। शनिवार को दोनों पीठें इस पर निर्णय दे सकती हैं।

पहले भी प्रश्नों पर खूब रहा विवाद

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की यूपीटीईटी 2017 में 14 प्रश्न, यूपीटीईटी 2018 में छह प्रश्नों और यूपीटीईटी 2019 में करीब सात सवालों का प्रकरण अब भी कोर्ट में है। कई याचिकाएं खारिज भी हो चुकी हैं। इसी तरह 68500 शिक्षक भर्ती में 33 प्रश्न ऐसे थे जिनके उत्तर विकल्प एक या उससे अधिक तय हुए थे।

एलटी भर्ती की उत्तरकुंजी नहीं

उप्र लोकसेवा आयोग ने राजकीय कालेजों में 10768 एलटी ग्रेड शिक्षक चयन में उत्तर कुंजी ही जारी नहीं की। आयोग का कहना था कि जिस भर्ती में चयन एक परीक्षा हो उसमें परीक्षा की उत्तरकुंजी का प्राविधान नहीं है। इस भर्ती में दो विषयों का परिणाम अब भी लंबित है।

कटऑफ अंक का विवाद दो पीठों में

69000 शिक्षक भर्ती में कटऑफ अंक पर विवाद होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई थी। दोनों का फैसला अलग होने पर सरकार व अभ्यर्थियों ने विशेष अपील दाखिल की, जिस पर निर्णय के बाद परिणाम आया।