-माघ मेले के दौरान कुंभ के इश्तेहार दिखाकर हो रही ऑनलाइन बुकिंग

-यहां आने के बाद खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं श्रद्धालु

PRAYAGRAJ: संगम नगरी में माघ मेले की रौनक छाई हुई है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आकर पुण्यलाभ ले रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच कुछ लोग माघ मेले को कुंभ बताकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। कुछ वेबसाइट्स श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें कुंभ दर्शन का झांसा देकर बुकिंग कर रही हैं। माघ मेले में पंजाब से आए एक शख्स ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया।

कुंभ के नाम पर ठग लिया

संगम नगरी में बीते साल ही भव्य कुंभ-दिव्य कुंभ का आयोजन किया था। इसमें देश और दुनिया से करोड़ों लोगों ने आकर पुण्य की डुबकी लगाई थी। कुंभ के नाम पर भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम हिस्सों में जबर्दस्त आस्था है। ऐसे में कुछ टूर वेबसाइट्स इस आस्था का गलत फायदा उठाकर अपना बिजनेस चमका रही हैं। पंजाब से संगम नगरी पहुंचे हरेराम ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट को ऐसा ही चौंकाने वाला वाकया बताया। हरेराम ने बताया कि वह संगम और मां गंगा के प्रति विशेष आस्था रखते हैं। उन्हें कुंभ के आयोजन को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं थी। ऐसे में जब एक टूर वेबसाइट पर कुंभ दर्शन पढ़ा मिला तो उन्होंने बुकिंग करा ली।

रौनक कम दिखी तो लगा झटका

सोमवार को प्रयागराज पहुंचने के बाद हरेराम माघ मेलाक्षेत्र में पहुंचे। यहां पर रौनक कम देखकर वह थोड़ा शॉक्ड हुए। ऐसे में उन्होंने मेले में आए अन्य लोगों ने कुंभ के बारे में पूछना शुरू कर दिया। इस पर लोगों ने बताया कि यह माघ मेला है। कुंभ का आयोजन तो पिछले साल किया गया था। यह सुनते ही हरेराम के पैरों तले जमीन खिसक गई। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांचकर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

बना लिया है बिजनेस

तमाम ट्रैवल एजेंसीज संगमनगरी के नाम पर अपना बिजनेस चला रही हैं। माघ मेले के दौरान लोगों ने इंटरनेट पर कुंभ से संबंधित विज्ञापन लगा रखे हैं। ऐसे में बहुत से कम जानकार लोग झांसे में आ जा रहे हैं। लॉजिंग और ट्रैवलिंग के इन इश्तेहारों के झांसे में आकर लोग कुंभ देखने की मंशा लिए संगम पहुंच जा रहे हैं। लेकिन यहां आने के बाद खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

वेबसाइट के जरिए पता चला कि प्रयागराज में कुंभ मेला लगा है। हमने सोचा इसी बहाने चलकर दर्शन भी कर लिया जाएगा। अखाड़ों का शाही स्नान भी देख लिया जाएगा। लेकिन यहां आने के बाद पूरी जानकारी हुई कि यह तो माघ मेला चल रहा है। हमें इतनी जानकारी नहीं थी कि माघ मेला कब लगता है और कुंभ कब लगता है। इसलिए धोखा हो गया।

-हरेराम, पंजाब