जिला बार के जरिए वकीलों के खाते में यूपी बार कौंसिल से भेजा जाएगा पैसा

PRAYAGRAJ: कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे वकीलों के लिए यूपी बार काउंसिल ने मदद का हाथ बढ़ाया है। काउंसिल प्रदेशभर के वकीलों 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित कराएगी। जिला व तहसील बार एसोसिएशन के माध्यम से धनराशि सीधे वकीलों के खाते में भेजी जाएगी। हर जरूरतमंद वकील को 15 अगस्त से पहले आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया गया है। काउंसिल ने उस दिशा में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।

जरूरत से तय होगी मदद राशि

यूपी बार काउंसिल ने अपने अलग-अलग मदों में कटौती करके 10 करोड़ 58 लाख रुपये एकत्र किए हैं। प्रदेश में मौजूदा समय 1,71,200 सीओपी (सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस) धारक वकील हैं। हर जिला में जितने सीओपी धारक वकील हैं, उसके अनुपात में प्रति वकील छह सौ रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। फिर जिला व तहसील बार की टीम तय करेगी कि वास्तव में जरूरतमंद वकील कौन हैं? जिन सीओपी धारक वकीलों की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होगी सिर्फ उन्हीं को पैसा मिलेगा। वकीलों की संख्या में छटनी होने पर जरूरतमंदों को छह सौ रुपये से अधिक का भुगतान हो सकेगा। काउंसिल के अध्यक्ष जानकीशरण पांडेय ने बताया कि सिर्फ जरूरतमंद सीओपी धारक वकीलों को आर्थिक मदद दी जाएगी। सहायता राशि जिला बार एसोसिएशनों के माध्यम से वितरित की जाएगी। जबकि उसकी मॉनीट¨रग बार एसोसिएशन की एल्डर्स कमेटी व पर्यवेक्षक यूपी बार काउंसिल के सदस्यों की ओर से किया जाएगा।

ऐसे वकीलों को नहीं मिलेगी सहायता

यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष जानकीशरण पांडेय ने बताया कि जिन वकीलों को मदद नहीं मिलनी है वह तय कर दिया गया है। इसमें इनकम टैक्स देने वाले, चार पहिया वाहन रखने वाले, जिला मुख्यालय पर जिनका मकान होगा, जिसके पति अथवा पत्‍‌नी में कोई सरकारी नौकरी में होगा, जो किसी न किसी पैनल से जुड़े होंगे, दो एकड़ या उससे अधिक जिसके पास जमीन होगी ऐसे वकीलों को मदद नहीं मिलेगी।