कौंसिल कार्यकारिणी की मिटिंग आज, लिये जाएंगे महत्वपूर्ण फैसले

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अधिवक्ताओं का आइकार्ड बनाना यूपी बार कौंसिल को रास नहीं आ रहा है। कौंसिल इसे अधिवक्ताओं का प्रभाव कम करने व उनके कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने वाला नियम बता रहा है। जिला अदालतों में अधिवक्ताओं का प्रवेश कौंसिल सीओपी (सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस) नंबर के आधार पर चाहता है। लेकिन, इलाहाबाद हाईकोर्ट व प्रशासन सीओपी को मान्यता नहीं दे रहा है। इसके विरोध में कौंसिल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। इस पर निर्णय लेने के लिए शनिवार को कौंसिल के प्रयागराज स्थित मुख्यालय पर कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। बैठक में कौंसिल की कार्यकारिणी आइकार्ड सहित अधिवक्ताओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मंथन करेगी।

हाई कोर्ट के निर्देश पर हो रही कार्रवाई

जिला अदालतों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शासन को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

इसके तहत प्रदेश की समस्त जिला अदालतों में बाउंड्रीवाल बनाने, सीसीटीवी कैमरा लगाने, अधिवक्ताओं का आइकार्ड बनाने, वादियों को पास देने, असलहा लेकर परिसर में प्रवेश रोकने सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं।

बिना आइकार्ड के अधिवक्ताओं का अदालत में प्रवेश रोका जा रहा है।

इसके चलते कई जिलों में अधिवक्ताओं व पुलिस के बीच झड़प भी हुई है।

इसी के मद्देनजर यूपी बार कौंसिल आइकार्ड व्यवस्था खत्म करने की मांग कर रहा है।

अधिवक्ताओं को कौंसिल की ओर से जारी सीओपी नंबर के आधार पर प्रवेश देने की मांग हो रही है।

जो व्यक्ति अधिवक्ता बनता है। कौंसिल उसकी समस्त जांच करने के बाद सीओपी नंबर जारी करता है। सीओपी नंबर को सुप्रीम कोर्ट व बार कौंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिली है। ऐसे में अधिवक्ताओं को उसी के आधार पर प्रवेश मिलना चाहिए। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।

हरिशंकर सिंह

अध्यक्ष, यूपी बार कौंसिल