-रिश्ते में भाई लगने वाले शख्स ने किया था रेप, बड़ी बहन ने दिलाया इंसाफ

PRAYAGRAJ: रेप केसेज में अक्सर ग‌र्ल्स को ही दोषी ठहरा दिया जाता है। ऐसे में रेपिस्ट्स के हौसले और बुलंद हो जाते हैं। केसेज और टफ हो जाते हैं जब रेप की घटना को अंजाम देने वाला कोई रिलेटिव घटना में शामिल होता है। ऐसे ही एक मामले में बड़ी बहन ने अपनी छोटी बहन के लिए जबर्दस्त लड़ाई लड़ी। उसने अपने घरवालों को भी इस मामले के लिए तैयार किया। आखिर में उसने दोषी को सजा दिलाते हुए अपनी बहन को न्याय दिलाया। पढि़ए छोटी बहन के लिए बड़ी बहन के संघर्ष की दास्तान

तब पिता ने पुलिस को तहरीर

कभी-कभी सोचते हैं कि हमारा लड़की होना ही गुनाह है। खासतौर पर तब यह और बड़ा हो जाता है कि जब हमारे साथ कोई अपराध होता है। कुछ ऐसा ही हुआ था मेरी आठ साल की बहन के साथ। बात मार्च 2017 की है। दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले हमारे भाई ने हमारे भरोसे का गलत फायदा उठाया था। हमारा परिवार काफी शालीन है। इसलिए इज्जत बचाने के नाम पर सभी चुप थे। मुझे अपने घरवालों की खामोशी बहुत खल रही थी। अंदर-अंदर घुटन हो रही थी। इसी बीच एक दिन घटना को अंजाम देने वाले युवक हमारे मोहल्ले में पहुंच गए। वह लोगों के बीच हमारी इज्जत उछालने लगा।

आखिर दर्ज हुई एफआईआर

युवक की इस हरकत का अंजाम यह हुआ कि मोहल्ले में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। ऐसे में मैं और ज्यादा बेचैन हो गई। मैंने महिलाओं के हित के लिए लड़ाई लड़ने वाले एक संगठन से संपर्क किया। मैंने उन्हें बताया कि आरोपित युवक मोहल्ले में आकर बदनाम भी कर रहा है। ऊपर से जो धमकी अलग से दे रहा था। संगठन की प्रमुख मेरे साथ हमारे घर आई और हमारे परिजनों से मिलीं। फिर उन्होंने हमारी पूरी फैमिली को समझाया। सुबह से दोपहर हो गई। आखिर मेरी फैमिली को बात समझ में आ गई। मेरे पिता तहरीर देने को तैयार हो गए। हम थाने तक गए और रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। इसके बाद पुलिस ने बालिका का बयान लेने के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद काफी वक्त तक उसकी जमानत नहीं हुई थी। इसके बाद हमारा उस परिवार से कभी वास्ता नहीं रहा।

(महिला अधिकार संगठन की अध्यक्ष मंजू पाठक ने घटना के बारे में विवरण उपलब्ध कराया है। गोपनीयता के लिए घटना से नाम और अन्य तथ्य हटा दिए गए हैं.)