-आबरू के लुटेरे ने किया पीछा तो कमरे में बंद कर जी-तोड़ पिटाई की

PRAYAGRAJ: तंज से परेशान रेप की शिकार युवती टूट चुकी थी। हर कोई उसे ही गलत साबित करने पर तुला हुआ था। घर से बाहर निकलनी तो उसे तरह-तरह कमेंट्स सुनने को मिलते थे। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। लोगों के तंज उसके दिल में घाव जरूर कर रहे थे। बावजूद इसके उसने जीना नहीं छोड़ा। सिर उठाकर वह अपने मकसद की तरफ बढ़ती गई। उसे मालूम था कि सोसायटी उसका हेल्प करने के बजाए उसका मनोबल ही तोड़ेगी। आखिर उसने एक ऐसा कदम उठाया कि सोसायटी का उसके प्रति नजरिया ही बदल गया।

दौलतमंद के बेटे ने की थी हैवानियत

घूरपुर की युवती गांव के ही एक इंटर कॉलेज में पढ़ रही थी। पिता किसानी करते थे, वहीं भाई मुंबई में टैक्सी चलाता था। किसी तरह परिवार की गाड़ी का पहिया चल रहा था। इसी बीच 2011 में अप्रैल महीने का वह मनहूस दिन आ गया। गांव के ही एक दौलतमंद की बिगड़ी औलाद ने उसकी आबरू पर डाका डाल दिया। उस वक्त वह खेत की तरफ दिन शौच के लिए गई हुई था। घर पहुंचकर उसने आपबीती बताई तो परिवार वाले शिकायत करने आरोपी के घर जा पहुंचे। लेकिन शिकायत सुनने के बजाए लड़के के घरवाले उन्हें अपशब्द बोलने लगे।

सुनने पड़ते थे कमेंट

मामला गांव के रईस से जुड़ा था तो उस परिवार पर कोई अंगुली नहीं उठा रहा था। उल्टे युवती पर ही लोग तरह-तरह के कमेंट पास करने लगे। उसने तमाम बातों को इग्नोर करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी। परिवार में उसे भाई का साथ मिला और वह बराबर कॉलेज आती जाती थी। इंटर के बाद पढ़ाई के लिए उसने शहर का रुख किया। लेकिन मुश्किलों ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा। गांव के दरिंदे शहर पहुंचकर उसका पीछा करने लगे।

और इस तरह दे दी मात

एक दिन उसने यह बात अपने साथ पढ़ने वाली लड़कियों के साथ शेयर की। दोस्तों ने उसे इस मामले से निबटने की तरकीब बताई उसका साथ दिया। फुलप्रूफ प्लानिंग की गई। प्लान के तहत युवक को लड़की ने अपने कमरे पर बुलाया। वहां उसके साथ पढ़ने वाली छात्राएं पहले से ही मौजूद थीं। जब युवक कमरे में पहुंचा तो दरवाजा बंद कर छात्राओं ने उसकी जमकर पिटाई की। इसके बाद छात्राओं ने कर्नलगंज थाने में युवक के खिलाफ कमरे में घुसकर रेप का एफआईआर दर्ज कराया। बात युवती के गांव तक पहुंची तो उसके हौसले के कसीदे पढ़े जाने लगे। हालांकि उसकी परेशानियां कम नहीं हुई थीं। युवक के परिजन अब क्रॉस केस कराने की कोशिश में जुट गए। उसकी एक दोस्त महिला अधिकार संगठन से जुड़ी सदस्य की बेटी थी। उसने सारी बात अपनी मां को बताई तो उसके जरिए हम लोग छात्रा की मदद में खड़े हो गए। इसके बाद युवक की फैमिली बैकफुट पर आ गई।

(घटना से जुड़ी जानकारी महिला अधिकार संगठन की अध्यक्ष मंजू पाठक ने शेयर की है। गोपनीयता के लिए घटना से जुडे़ लोगों के नाम व तथ्य बदल दिए गए हैं.)

केस में वह युवती मेरे पास सीधे नहीं आई थी। मगर संगठन की सदस्य ने अपनी बेटी के जरिए सारी कहानी सुनी तो हम सब युवती की मदद में खड़े हुए। इसी मदद के दौरान वह युवती मिली तो वही गांव में हुए रेप से लेकर शहर तक की दास्तान बताई थी।

-मंजू पाठक, अध्यक्ष महिला अधिकार संगठन