- वर्ष 2015 में डॉ। एके बंसल द्वारा लिखाए गए मुकदमें दर्ज है

- सिविल लाइंस पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद भेजा गया था नैनी जेल

PRAYAGRAJ: न्यूरो सर्जन डॉ। एके बंसल मर्डर केस का साजिशकर्ता आलोक सिन्हा का नाम पहली बार 2015 में यहां सामने आया। उसक वक्त इसके खिलाफ एडमिशन कराने के नाम पर 55 लाख रुपये की हेराफेरी सहित कई आरोप लगाए गए थे। इस मुकदमें की तहरीर खुद डॉक्टर बंसल द्वारा सिविल लाइंस थाने में दी गई थी। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस इसकी तलाश में कई महीने तक भटकती रही। बाद में चार मई 2016 में गिरफ्तार कर उसे पुलिस द्वारा जेल भेजा गया था। जेल जाने के बाद से ही उसके दिमाग में सैनी कीड़ा रेंगने लगा था। नैनी सेंट्रल जेल में पहुंचने के बाद वह बंसल की हत्या का ताना बाना बुना था।

कई धाराओं में दर्ज है मुकदमा

डॉक्टर एके बंसल द्वारा सिविल लाइंस पुलिस को दी गई तहरीर में उसका एड्रेस फ्लैट नंबर 88 सेक्टर 23 बैशाली गाजियाबाद बताया गया था। इस पर बंसल द्वारा आरोप लगाए थे कि बेटे का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए वह 55 लाख रुपये लिया था। वक्त बीत गए और वह एडमिशन नहीं करा सका। दिए गए रुपये वापस मांगने पर वह मारपीट और धमकी दे रहा है। पुलिस द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 644/15 में 419, 420, 467, 468, 504, 506 धारा में रिपोर्ट लिखी गई थी। इन्ही धाराओं में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। डॉक्टर बंसल मर्डर केस में उसका हाथ सामने आने के बाद अब उसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीम जुट गई है। गठित की गई एक टीम उसके गाजियाबाद वाले ठिकाने पर भी नजर गड़ा दी है। माना जा रहा है कि खुलासा ताजा है इस लिए वह मौजूदा समय में यहां नहीं होगा। हालांकि चोरी छिपे आने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

मामला काफी पुराना है। उस वक्त दर्ज इस मुकदमें उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। वादी द्वारा दी गई तहरीर में उसका एड्रेस गाजियाबाद बताया गया था।

रविन्द्र प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस