संन्यास के बाद भी परिवार से संपर्क रखने का लगा आरोप

शिकायत पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से लिया गया निर्णय

आस्ट्रेलिया में ईवटजिंग के आरोपों के बाद से सुíखयों में आए स्वामी आनंद गिरि की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले आस्ट्रेलिया में महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में नाम आने के बाद अब उन्हें बाघंबरी मठ और निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। हालांकि निरंजनी अखाड़े और परिषद में उनके पास कोई अहम पद नहीं था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का आरोप है कि आनंद गिरि संत परंपरा का लंबे समय से उल्लंघन कर रहे थे। साथ ही अपने फैमली मेंबर्स के साथ लगातार संपर्क रखते हुए उनके साथ मेल मिलाप कर रहे थे और बगावत की बात करने लगे थे। आनंद गिरि के ऊपर लगे आरोपों को लेकर हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से पत्र भेजा गया था। जांच के बाद पंच परमेश्वर ने आरोप को सही पाते हुए ये निर्णय लिया है।

बाघंबरी मठ के उत्तराधिकारी के रूप में भी थी पहचान

स्वामी आनंद गिरि सिटी के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्से में योग गुरु के रूप में विख्यात हैं। साथ ही वह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि के शिष्य भी हैं। करीब दो दशक पहले वह महंत नरेन्द्र गिरी के संपर्क में आए थे। तभी से बाघंबरी मठ में उनके सानिध्य में रहकर योग प्रशिक्षण व अन्य धाíमक आयोजनों में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभा रहे थे। यही कारण था कि उन्हें बाघंबरी मठ के उत्ताराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा था। वहीं पूरे प्रकरण में स्वामी नरेंद्र गिरि ने बताया कि आनंद गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले हैं। नासिक, उज्जैन और प्रयागराज में हुए कुंभ के आयोजन में उनके परिवार के लोग आए थे। उन्हें आनंद गिरि ने पूरी सुविधा देते हुए घर की तरह ठहराया था। वहीं पिछले दिनों हरिद्वार कुंभ में भी उन्होंने परिवार को बुलाया और सुविधाएं दी। इन मामलों की जानकारी होने के बाद जब उनको मना किया गया तो उन्होंने बगावत शुरू कर दी। इतना ही नहीं उन्होंने बिना मठ या परिषद को जानकारी दिए, हरिद्वार में जमीन भी खरीद ली। इन आरोपों की जांच के लिए दो दिन पहले बतौर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एक पत्र निरंजनी अखाड़ा को भेजा गया। अखाड़े ने परंपरा के अनुसार मामला पंच परमेश्वर के सिपुर्द करके जांच कराई। जांच में आरोप सही मिलने के बाद उन्हें निष्कासित किया गया है।

गुरु जी हमेशा हमारे गुरु थे और रहेंगे। अभी मैं पूरा प्रकरण समझुंगा। इसके बाद ही कुछ जानकारी दे सकूंगा।

स्वामी आनंद गिरी

योग गुरु