प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज। रितु सिंह पढऩे में बहुत तेज तो नहीं थी, मगर वह अपने पांव पर खड़ा होना चाहती थी। गांव का परिवेश मगर सपने बहुत बड़े। रितु ने मिट्टी के बर्तनों का कारोबार खड़ा करने का सोचा था मगर उसका सपना टूट गया। और टूट गया उसके परिवार का सपना। रितु सिंह ने आत्महत्या की थी या उसकी हत्या की गई थी, इसका रहस्य अभी तक बरकरार है। रितु सिंह शुक्रवार की दोपहर अपने घर से निकली थी। मगर लौटी नहीं। रितु ने घर में बतााया था कि वह विश्वकर्मा योजना का फार्म ऑन लाइन भरने जा रही है। ये बात दोपहर की है। इसके बाद शाम को करीब सात बजे उसकी बॉडी थरवई एरिया में रेलवे ट्रैक पर मिली। उसके पैर कटे हुए थे। ऐसे में मामला उलझ गया है। फिलहाल, पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। थरवई थाने में चार लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज हुआ है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है।

घर से निकली थी अकेले
सराय ममरेज थाना क्षेत्र के सोरो गांव के रहने वाले भानुप्रताप सिंह की चार बेटियों और एक बेटे में रितु सिंह सबसे बड़ी थी। रितु सिंह ने करीब दो साल पहले बीए की पढ़ाई पूरी की थी। रितु कारोबार करना चाहती थी। उसे विश्वकर्मा योजना के बारे में पता चला तो वह मिट्टी के बर्तनों का कारोबार करने का सोचने लगी। इसके बाद उसने आवेदन करने का विचार बनाया। शुक्रवार दोपहर को उसने घर में अपनी मां रीना सिंह को बताया कि वह कटरा सोरो बाजार जा रही है। उसे ऑन लाइन फार्म भरना है। दोपहर में वह अपने घर से निकली। रितु साइकिल से थी। करीब तीन बजे तक वह नहीं लौटी। इसके बाद घरवालों ने उसे खोजना शुरू किया।

शाम को मिली बॉडी
साढ़े तीन बजे घरवाले कटरा बाजार पहुंच गए। वहां पर दो साइबर कैफे में जाकर जानकारी ली। मगर कोई कुछ बता नहीं सका। इस पर घरवाले परेशान हो गए। आसपास के गांव में उसकी तलाश शुरू कर दी गई। रितु के पास मोबाइल भी नहीं था। शाम करीब सवा सात बजे भानु प्रताप के मोबाइल की घंटी बजी। फोन करने वाले ने खुद को जीआरपी का सिपाही बताया। सिपाही ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर एक युवती की बॉडी पड़ी है। बॉडी के पास एक बैग है। जिसमें विजिटिंग कार्ड से नंबर मिला है। पिता भानु प्रताप के पैरों तले जमीन खिसक गई। वाट्स एप पर फोटो भेजी गई। फोटो रितु की थी। मामले में भानु प्रताप ने गांव के ही पिता, दो पुत्र और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया है।


घटना पर हैं कई सवाल
- रितु के पैर कटे हैं। जबकि शरीर पर गंभीर चोट के निशान नहीं हैं।
- अगर रितु ने आत्महत्या की है तो फिर उसके शरीर पर कोई चोट के निशान क्यों नहीं हैं।
- पैर तो केवल इस स्थिति में कट सकते हैं जबकि उसे पहले से ट्रैक पर लिटा दिया गया हो।
- सामने कूदकर आत्महत्या की स्थिति में शरीर के चीथड़े उड़ जाते हैं। ऐसा क्यों नहीं हुआ, अगर रितु ने आत्महत्या की है तो।
- घटना उसके घर से कई किलोमीटर दूर हुई। आखिर उसे आत्महत्या के लिए इतनी दूर आने की क्या जरुरत थी।
- रितु फार्म भरने निकली तो फिर आत्महत्या की बात क्यों आ गई।


मामले की जांच चल रही है, आरोपितों की तलाश जारी है। घरवालों से जानकारी लेकर पूरे घटना क्रम का लिंक बनाया जा रहा है। कई सवाल का जवाब अभी नहीं मिला है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा।
अरविंद गौतम, थाना प्रभारी थरवई