दो सौ एंटीबायोटिक और पेन किलर का साइड इफेक्ट है खतरनाक

मेडिकल कालेज के फार्मेकोलॉजी डिपार्टमेंट की स्टडी में खुलासा, डब्ल्यूएचओ को भेजी रिपोर्ट

<दो सौ एंटीबायोटिक और पेन किलर का साइड इफेक्ट है खतरनाक

मेडिकल कालेज के फार्मेकोलॉजी डिपार्टमेंट की स्टडी में खुलासा, डब्ल्यूएचओ को भेजी रिपोर्ट

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: जब दवाएं ही दर्द देने लगें तो इस दर्द की दवा कोई कैसे खोजे। बाजार में बिकने वाली एंटीबायोटिक और पेन किलर दवाओं ने ऐसी ही परिस्थिति खड़ी कर दी है। इन दवाओं के सेवन से दिल, किडनी और लीवर पर गहरा असर पड़ रहा है। यह कड़वी हकीकत एमएलएन मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी डिपार्टमेंट की स्टडी में सामने आया है। इसकी रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को भेजी गई है।

हॉस्पिटल्स की ओपीडी पर रिसर्च

फार्मेकोलॉजी डिपार्टमेंट ने मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसआरएन, एमडीआई और चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की ओपीडी में लिखी जाने वाली दवाओं पर रिसर्च की। इसमें दो सौ ऐसी दवाएं सामने आई जिनको खाने के बाद मरीजों को कई तरह का साइड इफेक्ट झेलना पड़ा। इन दवाओं के नाम गाजियाबाद स्थित डब्ल्यूएचओ के नेशनल फार्मेको विजिलेंस सेंटर को भेजा गया है। भविष्य में इन दवाओं का दोबारा ट्रायल होना मुमकिन माना जा रहा है।

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साइड इफेक्ट

त्वचा में लाल चकत्ते

दाने, खुजली, उल्टी

पेट दर्द, पीलिया

मुंह में छाले, बेहोशी

चक्कर, कंपकंपी

दिल का तेज धड़कना

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बढ़ा रही परेशानी

सवालों में घिरी दवाओं में सत्तर फीसदी एंटीबायटिक व पेन किलर

बाकी तीस फीसदी में टानिक, नींद, बेहोशी आदि की दवाएं शामिल

एंटीबायटिक का सर्वाधिक उपयोग त्वचा, एचआईवी, श्वास व महिला रोग विभाग में होता है

16 से 69 साल की उम्र के मरीजों पर अधिक दिखा साइड इफेक्ट

लंबे समय तक इन दवाओं के सेवन से लीवर, किडनी और हार्ट पर बुरा असर

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साइड इफेक्ट का प्रतिशत

त्वचा विभाग

<जब दवाएं ही दर्द देने लगें तो इस दर्द की दवा कोई कैसे खोजे। बाजार में बिकने वाली एंटीबायोटिक और पेन किलर दवाओं ने ऐसी ही परिस्थिति खड़ी कर दी है। इन दवाओं के सेवन से दिल, किडनी और लीवर पर गहरा असर पड़ रहा है। यह कड़वी हकीकत एमएलएन मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी डिपार्टमेंट की स्टडी में सामने आया है। इसकी रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को भेजी गई है।

हॉस्पिटल्स की ओपीडी पर रिसर्च

फार्मेकोलॉजी डिपार्टमेंट ने मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसआरएन, एमडीआई और चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की ओपीडी में लिखी जाने वाली दवाओं पर रिसर्च की। इसमें दो सौ ऐसी दवाएं सामने आई जिनको खाने के बाद मरीजों को कई तरह का साइड इफेक्ट झेलना पड़ा। इन दवाओं के नाम गाजियाबाद स्थित डब्ल्यूएचओ के नेशनल फार्मेको विजिलेंस सेंटर को भेजा गया है। भविष्य में इन दवाओं का दोबारा ट्रायल होना मुमकिन माना जा रहा है।

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साइड इफेक्ट

त्वचा में लाल चकत्ते

दाने, खुजली, उल्टी

पेट दर्द, पीलिया

मुंह में छाले, बेहोशी

चक्कर, कंपकंपी

दिल का तेज धड़कना

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बढ़ा रही परेशानी

सवालों में घिरी दवाओं में सत्तर फीसदी एंटीबायटिक व पेन किलर

बाकी तीस फीसदी में टानिक, नींद, बेहोशी आदि की दवाएं शामिल

एंटीबायटिक का सर्वाधिक उपयोग त्वचा, एचआईवी, श्वास व महिला रोग विभाग में होता है

क्म् से म्9 साल की उम्र के मरीजों पर अधिक दिखा साइड इफेक्ट

लंबे समय तक इन दवाओं के सेवन से लीवर, किडनी और हार्ट पर बुरा असर

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साइड इफेक्ट का प्रतिशत

त्वचा विभाग

30%

30%

एचआईवी एआरटी सेंटर

<एचआईवी एआरटी सेंटर

20%

20%

श्वास रोग विभाग

<श्वास रोग विभाग

20%

20%

महिला रोग विभाग

<महिला रोग विभाग

13%

13%

डेंटल एवं मेडिसिन विभाग

<डेंटल एवं मेडिसिन विभाग

7%

7%

कैसे हुआ दवाओं का ट्रायल

दवाओं का ट्रायल चार फेज में होता है। पहले फेज में एनिमल्स पर दवाओं का साइड इफेक्ट देखा जाता है।

इसके बाद प्रोटोकॉल के तहत गवर्नमेंट से परमीशन लेकर ह्यूमन बॉडी पर दवाओं का प्रयोग होता है।

थर्ड स्टेज में मॉस के बीच दवाएं दी जाती हैं। इसे पोस्ट मार्केटिंग सर्विलेंस कहा जाता है।

यहां से पास होने के बाद दवाओं को लाइसेंस दिया जाता है।

मानीटरिंग डब्ल्यूएचओ के एडीआर एमसी सेंटर पर होती है

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खुद बरतें सावधानी

बिना डॉक्टरी सलाह काउंटर न खरीदें एंटीबायटिक व पेन किलर

कई दवाएं न खाएं एक साथ, सर्वाधिक दवा रिएक्शन के मामले कई दवाएं एक साथ खाने से

एंटी बायटिक दवाओं का कोर्स पूरा न करने से बॉडी में पैदा होता है रजिस्टेंस

मेडिकल कॉलेज से संबद्ध तीनों हॉस्पिटल्स की ओपीडी में आने वाले हजारों मरीजों पर दवाओं के साइड इफेक्ट पर स्टडी की गई। रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को उपलब्ध कराई गई है। इनमें एंटी बायटिक और पेन किलर अधिक मात्रा में हैं।

डॉ। आरके चौरसिया,

एचओडी, फार्मेकोलॉली, एमएलएन मेडिकल कॉलेज