प्रयागराज (ब्यूरो)। एआई रेवोलुशन दुनिया में बिजली की गति से फैला है। जिसने उद्योगों, अर्थव्यवस्थाओं और समाज को परिवर्तित किया है। एआई से रोजाना के कार्यों को सरल बनाने से लेकर स्वतंत्र वाहनों को संचालित करने वाले उन्नत एल्गोरिदमों तक हमारे काम, संचार और जीने के तरीकों को बदल सा दिया है। इसकी बड़े से बड़े से डाटा को एनलाइज करके उसके पैटर्न से सीखकर स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता भी है। एआई ने स्वास्थ्य, वित्त, परिवहन और कई सरकारी डिपार्टमेंट में नए संभावनाओं का दरवाजा खोल दिया है। बात करें एजुकेशन सिस्टम की तो यहां एआई के माध्यम से हर छात्र को उनकी अपनी सीखने की शैली के अनुसार शिक्षण दिया जा सकता है। इससे छात्रों की सीखने की रुचि और अधिक हो सकती है। वे अधिक समझदार और सक्षम बनते हैं।
लर्निंग प्रॉसेस होगा चेंज
शिक्षा में एआई का भविष्य शिक्षण और सीखने की प्रथाओं को बदलने के लिए अत्यधिक क्षमता रखता है। उभरती हुई एआई प्रौद्योगिकियां जैसे कि वर्चुअल रियलिटी, सेल्फ लर्निंग के पैटर्न और ट्यूटरिंग प्रणालियां शिक्षण अनुभवों को सुधारने और छात्र परिणामों में सुधार कराने के नए अवसर प्रदान करती हैं। एआई का विकास जारी रहने के लिए और इसे क्लासरूम में टीचिंग के लिए अपनाने के फायदों को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के साथ आचार्य के असिस्टेंट डायरेक्टर एडमिशन एण्ड पीआर सतीश शेट्टी ने अपनी बातें रखीं। जिसमें प्रयागराज के करीब तीन दर्जन स्कूलों के टीचर्स, ओआर्डिनेटर्स और प्रिंसिपल्स ने जाना और समझा।
90 मिनट का हुआ डिस्क्शन
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के सिविल लाइंस आफिस में 90 मिनट का डिस्क्शन प्रोग्राम हुआ। जिसमें शहर के सीबीएसई और यूपी बोर्ड के कालेज के टीचर्स, क्वार्डिनेटर्स और प्रिंसिपल्स ने प्रतिभाग किया। जिसमें एआई एक्सपर्ट आचार्य के असिस्टेंट डायरेक्टर सतीश शेट्टी ने सभी का नालेज बढ़ाया तो सभी के सवालों का जवाब भी दिया। सतीश शेट्टी ने कहा कि एआई लाइफ में बहुत यूजफुल है। एआई के साथ किस तरह चलना है इसे समझना होगा। इसमें खामियां भी हैं। पर हम इसे इग्नोर नहीं कर सकते हैं। जहां इसका नुकसान समझ आए वहां इसे यूज नहीं करना है। स्टूडेंट्स को भी इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी होगी। तभी एआई का यूज हम सेफ्टी के साथ कर पाएंगे।
एआई का एडिक्ट होने से बचें
एक्सपर्ट सुनील शेट्टी ने कहा कि आज के दौर में लोग मोबाइल एडिक्ट होते जा रहे हैं। इसी तरह एआई भी एडिक्शन लोगों में बढ़ा रहा है। यूथ को समझना होगा कि इसका इस्तेमाल कैसे फायदेमंद है। जो काम खुद कर सकते हैं उसके लिए एआई का इस्तेमाल न करें। एआई की बहुत सी जानकारी मौजूद है। टीचर्स स्टूडेंट्स को वो सभी जानकारी दें ताकि स्टूडेंट्स इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी जान सकें। वरना धीरे धीरे स्टूडेंट्स एआई के एडिक्ट होते जाएंगे। उनका माइंड सेटअप खराब होगा। इसलिए स्टूडेंट्स को यह बताना जरुरी है कि एआई उनके लिए कहां तक फायदेमंद है।