प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- तापमान कम होते ही सांस के रोगियों की समस्या में इजाफा होने लगा है। जो लोग अस्थमा या एलर्जी से परेशान थे, वह अस्पताल पहुंचने लगे हैं। उनका कहना है कि उन्हे सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस मौसम में जरा सी लापरवाही दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हेल्थ को फिट रखने के लिए कुछ चीजों को फालो करना पड़ेगा।
बढ़ गई खांसी की समस्या
पिछले दस दिनों से अचानक तापमान में कमी महसूस की जा रही है। इसका असर सांस के रोगियों में दिखने लगा है। उनको सांस लेने में दिक्कत के साथ खांसी के साथ बलगम आने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि जैसे जैसे तापमान कम होगा, सांस के रोगियों की समस्या में इजाफा होगा। इसलिए रोगियों को अब होशियारी का परिचय देना होगा। उन्हें अपने साथ दवाईयों और इनहेलर को रखना होगा।
इसलिए हो रही है समस्या
डॉक्टरों की माने तो मौसम में बदलाव और धूल में बढ़े हुए मिट्टी के कण सांस के साथ सांस की नालियों में जाते हैं। इससे गले और सांस की नलियों में सूजन और सिकुडऩ आ जाती है। इसके लिए डॉक्टरों ने लोगों को मास्क लगाने और गुनगुना पानी पीने के साथ-साथ गरारे करने की सलाह दी है। डॉक्टर्स का कहना है कि सुबह शाम होने वाली ठंड, सांस के रोगियों के लिए खतरनाक है। एकाएक सांस के रोगियों की संख्या ओपीडी में बढ़ गई है। तमाम अस्पतालों की ओपीडी में 40 फीसदी सांस के पहुंच रहे हैं। उन्होंने धूम्रपान ना करने और कोल्ड ड्रिंक व आइसक्रीम के अलावा ठंडे पेय पदार्थ पीने से बचने की भी सलाह दी है।
घातक हैं ये लक्षण
तेजी से सांस लेना।
बलगम के साथ खांसी आना।
सीने में इंफेक्शन व जकडऩ होना।
कमजोरी आ जाना
सावधानी बरतना जरूरी
- मरीजों को हमेशा गर्म कपड़े पहनने चाहिए
- बाहर निकलने पर नाक और मुंह को कवर जरूर करें
- अस्थमा और काला दमा पीडि़तों के कमरे में अंदर धूपबत्ती न जलाएं।
- घरों में अंगीठी, हीटर आदि के प्रदूषण से मरीज को बचाएं।
- मरीज के लिए सप्ताह में तीन से चार बार 45-45 मिनट के लिए व्यायाम बेहद आवश्यक है।
- ंिफ्रज का ठंडा पानी पीने पर रोक लगाएं।
- सिगरेट और तंबाकू से दूरी बनाना जरूरी।

कोरोना पीडि़तों पर ध्यान देने की जरूरत
डॉक्टर्स का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्रमण के दौरान बीमार हो गए थे उन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि अधिकतर कोरोना पीडि़तों के फेफड़ों में संक्रमण अधिक हो चुका है। जब ठंड का मौसम आता है तो इनकी समस्या बढ़ जाती है। सांस लेने में दिक्कत, सास की नली का सकरा हो जाना, खांसी आना, बलगम बनना सहित बहुत से ऐसे लक्षण दिखने लगते हैं। 60 फीसदी कोरोना पीडि़त ऐसे ही लक्षणों का सामना कर रहे हैं।


जैसे जैसे तापमान कम होगा, वैसे सांस के रोगियों की समस्या में इजाफा होता है। इसलिए अभी मौसम में बदलाव की शुरुआत है और अभी से सावधानी बरतेंगे तो कम समस्या होगी। जो लोग समय और नियम से दवा का सेवन करते हैं उन्हें ठंड में भी सांस की समस्या नही होती है।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन