प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल के साथ रहने वाले लोग भी घटना के बाद संदेह के दायरे में आते जा रहे हैं। घटना के अगले ही दिन विधायक पूजा पाल ने उमेश पाल के घर गुडडू मुस्लिम को घर बुलाकर पराठा खिलाने जैसी बात कह कर संकेत दे दिया था कि वह भी उमेश का करीबी हो चुका था। यह गुत्थी गुड्डू की गिरफ्तारी के बाद ही सुलझेगी कि आखिर कैसे वह उमेश के करीब पहुंच गया। घर तक पहुंच बनाने के पीछे उसका मकसद क्या था। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद अशरफ का गायब होना भी पुलिस को अखरने लगा है। अशरफ वह सख्श है जो अतीक के बेहद करीबी का रिलेटिव होने के बाद भी उमेश का खास था और घटना के दिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी वह मौजूद था।

अतीक के गैंग चार्ट में शामिल गुलफुल का दामाद है यह अशरफ
माफिया अतीक अहमद का आपराधिक इतिहास लम्बा चौड़ा है। उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई तो पुलिस ने बकायदा अतीक के लिए काम करने वालों का गैंग चार्ट तैयार किया। इस लिस्ट में धूमनगंज थाना क्षेत्र के सिलना भीटी गांव निवासी रफीक उर्फ गुलफुल का नाम भी है। राजू पाल हत्याकांड में भी उसका नाम उछला था। वैसे गुलफुल ने कुछ दिन पहले अतीक से दूरी बना ली थी। इसके बाद गुलफुल के दामाद अशरफ ने अतीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया तो उमेश पाल के करीब आ गया। इसके बाद दोनो प्रापर्टी के बिजनेस में इनवाल्व हो गये। घटना के दिन अशरफ का कचहरी में होना, हत्याकांड के बाद घर न जाना और अब तक गायब होने से वह शक के दायरे में आ गया है।