-एमपी/एमएलए कोर्ट ने खारिज की अर्जी, पूर्व सांसद ने फिर जताई हत्या की आशंका

PRAYAGRAJ: करेली थाने में दर्ज मुकदमे के मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद की अर्जी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी है। साथ ही आगामी 13 नवंबर को अतीक को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। वहीं, एक बार फिर अतीक ने हत्या की आशंका जताई है। 2016 में अतीक के खिलाफ करेली थाने में बलवा, जानलेवा हमला, धमकी के आरोप में मुकदमा लिखा गया था। उस मुकदमे की सुनवाई वीडियो कांफ्रें¨सग से कराने के लिए अतीक की ओर से अर्जी दी गई थी। इसमें यह भी कहा गया था कि पुलिस ने फर्जी तथ्यों के आधार पर फर्जी आदेश कोर्ट से प्राप्त किया है।

बीमारी का दिया था वास्ता

इसके पीछे उसकी हत्या करने का कुचक्र रचा गया है। वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उसे नैनी जेल से हटाकर अहमदाबाद के साबरमती जेल में रखा गया है। वहां से प्रयागराज की दूरी 1450 किमी के करीब है। वह हृदय रोग, शुगर और उच्च रक्तचाप से पीडि़त हैं। इतनी लंबी दूरी तय करने के दौरान रास्ते में कुछ भी हो सकता है। लिहाजा गुजरात के जिस भी जेल में वीडियो कांफ्रें¨सग की सुविधा हो, न्यायिक कार्य संपन्न कराया जाए। अर्जी में यह भी कहा गया है कि मुन्ना बजरंगी जैसे कई मामलों में पुलिस ने तलबी आदेश लेकर आरोपितों की हत्या करा दी है। प्रस्तुत मामले अतीक के अधिवक्ता ताराचंद गुप्ता, दयाशंकर मिश्रा, राधेश्याम पांडेय, निसार अहमद, खान सौलत हनीफ उपस्थित होकर कोर्ट में कार्यवाही संपन्न कराते रहे हैं। शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि, वीरेंद्र सिंह ने बचाव पक्ष के तर्क रखा कि प्रस्तुत मामले में आरोप तय करने की कार्यवाही चल रही है। उस समय कोर्ट में अभियुक्त का उपस्थित रहना जरूरी है। कोर्ट ने उभयपक्ष के तर्क व विधि व्यवस्था को देखते हुए अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्त की ओर से दी गई दलील बलहीन है। प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है।

गृह सचिव को पत्र लिखने का दिया आदेश

कोर्ट ने पूर्व सांसद अतीक अहमद की अर्जी को खारिज करते हुए आदेश दिया कि आरोप तय करने के लिए 13 नवंबर की तिथि मुकर्रर की जाती है। इस संबंध में गृह सचिव को पत्र भेजकर सुनिश्चित तिथि पर अभियुक्त को उपस्थित कराया जाए।