प्रयागराज ब्यूरो । माफिया अतीक अहमद की पत्नी की ओर से दी गई अर्जी को सीजेएम कोर्ट ने मंगलवार को संज्ञान लिया है। उसके बेटों की बाबत पुलिस से दो मार्च को रिपोर्ट तलब की गई है। माफिया अतीक अहमद व उसके भाई की ओर से दी गई अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया है। इन दोनो की तरफ से अधिवक्ता के द्वारा दी गई अर्जी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश करने व रिमांड मंजूर करने की मांग की गई थी। उधर, अधिवक्ता उमेश पाल मर्डर केस को लेकर दूसरे दिन भी न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ताओं के द्वारा विकास भवन के पास तिराहे पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया।

तीनों की ओर से अलग अर्जी
अधिवक्ता उमेश पाल व उनके गनर संदीप निषाद की हत्या के बाद पुलिस एक्शन मोड में है। सरकार का रुख भी मामले को लेकर सख्त है। इस मर्डर केस में अतीक अहमद व उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन एवं भाई अशरफ और बेटे सहित अन्य नामजद हैं। घटना के तीसरे दिन अतीक अहमद व उनके भाई अशरफ की ओर से अधिवक्ता द्वारा अर्जी कोर्ट में दी गई थी। याचना की गई है कि दोनों आरोपितों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनकर ही रिमांड मंजूर किया जाय। इसके पीछे दोनों की सुरक्षा को अहम कारण बताया गया था। इसी तरह एक अर्जी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की ओर से उनके अधिवक्ता विजय मिश्रा ने कोर्ट में दी थी। शाइस्ता परवीन की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया था कि उनके बेटों की सुरक्षा मुकम्मल की जाय। बेटों को पुलिस ले गई और उनके बारे में कुछ भी बता नहीं रही है। इस तीनों अर्जी पर कोर्ट के द्वारा सुनवाई की जानी थी। सोमवार को अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी थी। अदालत के द्वारा सुनवाई के लिए मंगलवार की डेट मुकर्रर की गई थी। मंगलवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। बावजूद इसके कोर्ट के द्वारा तीनों की अर्जी को संज्ञान लिया गया। शाइस्ता परवीन की ओर से उनके अधिवक्ता विजय मिश्रा द्वारा बताया गया कि अदालत ने मामले में दो मार्च को रिपोर्ट धूमनगंज पुलिस से मांगी है। पुलिस रिपोर्ट आने के बाद आगे की स्थिति स्पष्ट होगी। इसी तरह जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने बताया कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की ओर से दी गई अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उधर, दूसरे दिन भी न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता उमेश पाल मर्डर केस के आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किए।

नहीं पूरी हो सकी अपहरण में बहस
बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल का 2006 में अपहरण हो गया था। उमेश के द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में अपहरण का आरोप अतीक अहमद व अशरफ सहित कुल 11 लोगों पर लगाया गया था। उमेश पाल के अधिवक्ता विक्रम सिन्हा ने बताया कि इन आरोपितों में एक की मौत हो चुकी है। एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहे इस केस में अब केवल डिफेंस पक्ष की बहस होनी बाकी है। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने की के कारण पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने उन्हें मंगलवार की डेट दी थी। मगर, मंगलवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे जिसके चलते एक बार फिर इस मामले की बहस टल गई है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने कहा कि अब यह बहस एक मार्च को होगी।

उमेश पाल अपहरण कांड में सोमवार को आरोपितों के अधिवक्ता द्वारा बहस किया जाना था। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने की वजह से बहस नहीं हो पाई और मंगलवार की डेट दी गई थी। शाइस्ता परवीन की ओर से दी गई अर्जी में पुलिस से कोर्ट ने दो मार्च को रिपोर्ट तलब किया है। अतीक व अशरफ की अर्जी खारिज कर दी गई है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी