प्रयागराज ब्यूरो । अतीक ब्रदर्स की हत्या में शुक्रवार को जिला जज की कोर्ट में होने वाली सुनवाई एक बार फिर टल गई है। प्रतापगढ़ जेल में बंद तीनों आरोपितों को जरिए वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग कोर्ट में पेश किया गया था। एक अहम बात यह है कि तीसरे आरोपित सनी ङ्क्षसह की पैरवी के लिए भी एमिकस क्यूरी यानी सरकारी अधिवक्ता की नियुक्ति की गई। अब उसकी तरफ से मुकदमें की पैरवी यही नियुक्त अधिवक्ता के द्वारा की जाएगी। अदालत के जरिए सुनवाई के लिए अगली 17 नवंबर की डेट मुकर्रर की गई है।

उमेश मर्डर केस में थे नामजद
धूमनगंज एरिया के सुलेमसराय इलाके में दरवाजे के सामने बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल को शूटरों ने गोलियों से भून दिया था। बेरहमी से खुलेआम 24 फरवरी को दिन के उजाले में उमेश पाल पर बरसाई गई गोलियां व बम के धमाकों की गूंज प्रदेश के सदन तक पहुंच गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर अतीक अहमद पूर्व सांसद, अतीक के भाई अशरफ, पत्नी साइस्ता परवीन, गुड्डू व गुलाम नामजद किए गए थे। मुकदमें में इन नामजद लोगों के साथ अतीक का बेटा व अन्य पुत्र एवं नौ नामपता अज्ञात साथियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। आरोपितों की तलाश में जुटी पुलिस के हाथ पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज हाथ लग गया था।

गेट पर आरोपित बरसाए थे गोलियां
चूंकि अतीक अहमद अहमदाबाद व अशरफ बरेली जेल में बंद थे। लिहाजा धूमनगंज पुलिस दोनों को जरिए कोर्ट रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी। बताते चलें कि रिमांड पर लिए गए अतीक ब्रदर्स को लेकर पुलिस 15 अप्रैल की रात काल्विन जा रही थी। हॉस्पिटल गेट के अंदर प्रवेश करते हुए दोनों भाइयों को तीन शूटरों बांदा के लवलेश तिवारी, हमीरपुर के सनी ङ्क्षसह तथा कासगंज के अरुण मौर्या ने गोलियों से भून दिया था। अतीक व अशरफ की हत्या के बाद तीनों आरोपित पिस्टल फेंककर अतीक ब्रदर्स की सुरक्षा में रही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। तीनों शूटर मीडिया का वेश धारण करके पहुंचे थे। धूमनगंज पुलिस की तरहरीर पर केस दर्ज करके शाहगंज थाने की पुलिस कोर्ट में पेश कर जेल भेज दी। तीनों की सुरक्षा के मद्देनजर अदालत ने उन्हें नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट करा दिया था। तब से आज तक वह तीनों प्रतापगढ़ की जेल में हैं। बहुचर्चित इस घटना के बाद आरोपितों के परिजन भी उनसे दूरी बना लिए। ऐसी स्थिति में उनकी तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता नामित नहीं हो पा रहे थे। जिला जज संतोष राय की कोर्ट में जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग तीनों आरोपित शुक्रवार को पेश किए गए। आरोपित सनी ङ्क्षसह की ओर से कोर्ट में पैरवी के लिए अदालत ने रत्नेश कुमार शुक्ला को अधिवक्ता नियुक्त किया है। उनका पर्चा दाखिल होने के बाद अब मुकदमे की कार्रवाई आगे बढ़ेगी। शेष दो आरोपित अरुण मौर्या और लवलेश के लिए भी एडवोकेट गौरव ङ्क्षसह अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं।


एसआईटी दाखिल कर चुकी है चार्जशीट
गिरफ्तार तीनों आरोपितों के खिलाफ एसआइटी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 13 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने आरोप पत्र को संज्ञान लेने के बाद मुकदमे को परीक्षण के लिए सत्र न्यायालय को सुपुर्द करने का आदेश दिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने बताया कि गिरफ्तार अरुण, लवलेश और सनी ङ्क्षसह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 307, 302, 120 बी, 419, 420, 4671, 468, आम्र्स एक्ट तथा 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है। अब 17 नवंबर को इन्हीं धाराओं के तहत आरोपितों पर आरोप तय होने के बिन्दु पर सुनवाई होगी।


अभी तक आरोपितों की तरफ से अधिवक्ता नहीं थे। जिसके कारण कानूनी प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी। चूंकि अब सरकारी अधिवक्ता नियुक्त हो गए हैं। इसलिए अब अदालती प्रक्रियाओं में तेजी आएगी।
गुलाब चंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी