फैसिलिटी, एलाटमेंट और पजेशन में देरी से नाराज हैं छात्र

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ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स में फैसिलिटी, एलाटमेंट और पजेशन में लापरवाही का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। कैम्पस से लेकर हॉस्टल तक भड़के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच छात्रों ने ग्रुप बनाकर हॉस्टल्स की समस्याओं के मसले पर पर्चे बांटने भी शुरू कर दिये हैं। ये पर्चे हॉस्टल्स के अलावा क्लासेस में भी बांटे जा रहे हैं।

डीएसडब्ल्यू कार्यालय पर प्रदर्शन

बताया जा रहा है कि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि हॉस्टल की समस्याओं को लेकर क्लासवाइज कैम्पेन चलाई जा रही हो। एक पेज के पर्चे में हॉस्टल्स की डिफरेंट प्रॉब्लम्स को एक-एक कर प्वाइंटवाइज बताया गया है। ये पर्चा दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के पास भी पहुंचा है। हॉस्टल मसले को लेकर छात्रों ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया है। इसमें अंजलि, नेहा, नीशू, आदर्श, अविनाश, अमित कुमार आदि शामिल हैं। इन्हें दिनेश चौधरी, सिद्धार्थ, सत्यम, आशुतोष पांडेय, सुजीत, सुशील, छत्रपाल, राहुल, अक्षय यादव, शशांक, विवेक मिश्रा, अतुल, विनोद आदि का समर्थन भी मिल रहा है।

चला रहे सिग्नेचर कैम्पेन

ताराचन्द्र हास्टल के आशुतोष पांडेय एवं विवेक, प्रतिभा, दिव्या, प्रभा, कृष्ण कुमार, राजू, रत्नाकर आदि का कहना है कि एसआरके हास्टल में लम्बे समय से पानी की समस्या बनी है। कई छात्रावासों में मेरिट से अधिक अंक होने के बाद भी छात्रों के नाम लिस्ट में शामिल नहीं है। जबकि छात्र अभी भी सूची को लेकर डीएसडब्ल्यू कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। दिशा छात्र संगठन की नीशू का कहना है कि जब तक प्रशासन मांगों को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं करता तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। छात्रों ने विरोध में सिग्नेचर कैम्पेन भी शुरू की है। इसमें अभी तक करीब 500 छात्र-छात्रायें शामिल हो चुके हैं।

पर्चे में शामिल महत्वपूर्ण बिन्दु

- इविवि में लगभग 30,000 छात्र पढ़ते हैं। जिनमें केवल 4000 छात्रों को हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध है।

- छात्रों की बड़ी संख्या किराए पर कमरा लेकर रहने को मजबूर है।

- इस सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को लिस्ट में नाम होने के बाद भी अब तक कमरे नहीं मिले।

- जिन छात्रों को अब तक हॉस्टल में कमरे नहीं मिले उनकी आधी फीस वापस की जाए।

- हॉस्टल्स में मेस और फर्नीचर सम्बन्धी दिक्कतें दूर की जाएं

- संवेदनहीन प्रशासन समस्याओं को हल करने की बजाय छात्रों से लिखवा रहा है कि वे बगैर फर्नीचर रहने को तैयार हैं

- आगामी सत्र की शुरुआत में ही हॉस्टल आवंटन का काम पूरा किया जाये

- जिन छात्रों को हॉस्टल नहीं दिया जा रहा, उनके लिए उचित डेलीगेसी भत्ता का इन्तजाम किया जाए।

- हॉस्टल की फीस के पुराने नियम बहाल किए जाएं।

- बिजली और मेस को पूर्णत: सब्सिडाइज किया जाए।

- महिला छात्रावास परिसर के अन्दर स्थित हॉस्टल का गेट नौ बजे न बन्द किया जाए।

- छात्रावासों की लाइब्रेरी चालू कराई जाये और उनका उचित रखरखाव किया जाए।

- छात्रावासों में बन्द पड़े कॉमन रूम एवं टीवी हॉल खोले जाएं।

हास्टल छोड़ कर भाग जाओ

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हास्टल्स में दबंग हावी होते जा रहे हैं। छात्रावासों में रह रहे वैध अन्त:वासियों को कमरा छोड़कर भाग जाने के लिये धमकाया जा रहा है। कई वैध अन्त:वासियों ने इसकी शिकायत चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में की है। जिसके बाद एयू एडमिनिस्ट्रेशन भी चौकन्ना हो गया है। वैध अन्त:वासियों की ओर से शिकायत मिलने के बाद चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएस दुबे ने दो हास्टल के सुपरिटेंडेंट को नोटिस जारी की है। डायमंड जुबिली और एसएसएल हास्टल के सुपरिटेंडेंट को जारी नोटिस में कहा गया है कि घटना का त्वरित संज्ञान लें और अन्त:वासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।