प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने पेटेंट और कापीराइट की दिशा में काम तेज कर दिया है। इसी कड़ी में इवि के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) द्वारा राष्ट्रीय बौद्धक संपदा अधिकार (आइपीआर) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ाना था। कार्यशाला में वक्ताओं ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। इसमें 280 प्रतिभागियों ने पेटेंट और कापीराइट फाइलिंग की प्रक्रिया के बारे में सीखा।

बताया बौद्धिक सम्पदा की रक्षा का महत्व
सेल फार आइपीआर प्रमोशन एंड मैनेजमेंट (सीआइपीएएम) में आइपीआर के वरिष्ठ सलाहकार और पूर्व संयुक्त सचिव (भारत सरकार) डा। जीआर राघवेंद्र ने बौद्धिक संपदा की रक्षा के महत्व और नवाचार व आर्थिक विकास पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो। मधुरेंद्र ने ज्ञान आधारित समाज में आइपीआर के महत्व पर जोर दिया। दोपहर के सत्र की शुरुआत इस क्षेत्र की विशेषज्ञ प्रो। गीतिका के व्याख्यान से हुई। इसमें पेटेंट, कापीराइट और ट्रेडमार्क सहित बौद्धिक संपदा के विभिन्न रूपों पर चर्चा की गई। प्रो। आदेश कुमार ने ट्रेडमार्क और ब्रांडिंग और व्यावसायिक पहचान में उनकी भूमिका के बारे में बताया। प्रो। मनोज कुमार, प्रो। सुनीत द्विवेदी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।