- एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में पास हुआ प्रस्ताव

- इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर के प्रस्ताव पर कुलपति की मुहर

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PRAYAGRAJ: अपने गीतों से बालीवुड फिल्म इंड्रस्ट्री को गुलजार करने वाले लफ्जों के कारीगर गुलजार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी डीलिट की मानद उपाधि देगा। यूनिवर्सिटी की ओर से ये फैसला बुधवार को एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिया गया। मीटिंग में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। प्रशांत घोष के प्रस्ताव पर कुलपति ने अंतिम मोहर लगा दी। यूनिवर्सिटी की पीआरओ डॉ। जया कपूर ने बताया कि एकेडमिक काउंसलिंग में कई दूसरे मुद्दों पर भी फैसला लिया गया।

टीचर्स की भर्ती में लागू होगा स्क्रीनिंग क्राइटेरिया

एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए पीआरओ डॉ। जया कपूर ने बताया कि टीचर्स भर्ती के रोस्टर व नियुक्ति के लिए स्क्रीनिंग क्राइटेरिया पर भी काउंसिल ने मुहर लगा दी है। यूनिवर्सिटी में जल्द ही कुल 595 पदों पर भर्ती होनी है। इसमें सबसे अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर के 357 पद है। साथ ही एसोसिएट प्रोफेसर के 168 और प्रोफेसर के 70 पद हैं। नियुक्तियां यूजीसी के रेगुलेशन 2018 के आधार पर की जाएगी। नियुक्ति के लिए पीएचडी होना अनिवार्य है। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नेट आधारित लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। काउंसिल में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कन्वोकेशन में सेशन 2018-19 और 2019-20 की पीएचडी उपाधि भी दी जाएगी। पीआरओ ने बताया कि यूनिवर्सिटी का कन्वोकेशन व फाउंडेशन डे 23 सितंबर को प्रस्तावित है। ऐसे में आयोजन में चांसलर के रूप में आशीष चौहान, चीफ रेक्टर के रूप में गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी शामिल होंगी। साथ ही यूजीसी के चेयरमैन प्रो। डीपी सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

संस्कृत में होगा यूनिवर्सिटी का ध्येय वाक्य

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ध्येय वाक्य को बदलने को लेकर लंबे समय से बात चल रही थी। इसी को देखते हुए संस्कृत डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। उमाकांत यादव ने दो जून को प्रस्ताव भी भेजा था। जिसमें यूनिवर्सिटी के ध्येय वाक्य कोट रैमी टोट अरबोरस' को संस्कृत में कर दिया जाए। प्रो। उमाकांत की ओर से दिए प्रस्ताव में कहा गया था कि ध्येय वाक्य को संस्कृत करते हुए उसे यावत्य: शाखा: तावन्तो वृक्षा: या यावत्य: शाखास्तावन्तो वृक्षा:' कर दिया जाए। एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।

4 साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम का भी रखा गया प्रस्ताव

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में न्यू एजूकेशन पालसी पर आधारित 4 साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम में प्रस्तावित ऐच्छिक और बुनियादी पाठ्यक्रम को ब्यौरा भी रखा गया। कोर्स में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट प्वाइंट होने के साथ वह कौशल विकास पर केन्द्रित होगा। इसमें दो क्रेडिट प्वाइंट का एक आवश्यक कोर्स होगा। जो राष्ट्र निर्माण और समाज सेवा से जुड़ा होगा। साथ ही इसमें एक फाउंडेशन कोर्स और दूसरा कौशल विकास का कोर्स होगा। फाउंडेशन कोर्स चुनने के लिए स्टूडेंट्स के पास दो विकल्प रहेंगे। जिसमें वह इंग्लिश लैंग्वेज और साफ्ट स्किल या फिर कोई एक भारतीय भाषा में से सलेक्ट कर सकेंगे। वहीं दूसरे में उसके पास भारतीय सभ्यता, पर्यावरण अध्ययन और कंप्यूटर एप्लीकेशन में से किसी एक का चुनने का विकल्प होगा।

10 नए कोर्स होंगे शामिल

न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत तैयार हो रहे पाठ्यक्रम में 10 नए कोर्स भी शामिल किए जाएंगे। इसमें बुनियादी गणित, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानवीय बायोकेमिस्ट्री, औषधीय वृक्ष एवं पौधे, वैज्ञानिक खोज, भारतीय शास्त्रीय संगीत, भारतीय संविधान के बुनियादी सिद्धांत, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण के मुद्दे और जलवायु परिवर्तन, भारतीय इतिहास का परिचय और अर्थशास्त्र के तत्व शामिल है।

थर्ड वेव को देखते हुए नई एंबुलेंस की तैयारी

कोरोना की दूसरे लहर में मची तबाही को देखते हुए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन टीचर्स के लिए एक नई एंबुलेंस खरीदेगा। इस पर भी काउंसिल की मीटिंग में मुहर लग गई। साथ ही पहले से मौजूद दो एंबुलेंस को ठीक कराया जाएगा। जिससे यूनिवर्सिटी के टीचर्स और कर्मचारियों को जरूरत पर ये एंबुलेंस उपलब्ध करायी जा सके।