प्रयागराज ब्यूरो । किडनी का शरीर में अहम रोल होता है लेकिन इसकी बीमारियों को लेकर लोग जागरुक नही हैं। कई बार किडनी की बीमारी होने पर लोग झोलाछाप के दरवाजे पर चले जाते हैं। लेकिन ऐसा करने के बजाय उन्हे डॉक्टर के पास जाना चाहिए, जिससे समय रहते इलाज होने पर किडनी को खराब होने से बचाया जा सके। यह बात वल्र्ड किडनी डे के अवसर पर एसआरएन अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ्रप्रो एसपी सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि लोगों को हार्ट, बीपी, मधुमेह से संबंधित बीमारियों के बारे में लोगों को जानकारी है। मगर किडनी के प्रति लोगों में जागरुकता नहीं है। आम जनता में इसको लेकर जागरुकता फैलाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एसआरएन अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा की शुरुआत हो जाएगी।
निकाली गई अवेयरनेस रैली
इस दौरान एमएलएन मेडिकल कॉलेज से अवेयरनेस रैली का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में स्टूडेंट््स ने एसआरएन परिसर स्थित पीएमएसएसवाई इमारत तक सफर तय किया। पीएमएसएसवाई इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर किडनी रोग संबंधित एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें न्यूरो सर्जन डॉ। एनएन गोपाल ने कहा कि लोगों के मन में भ्रांति है कि आयुर्वेदिक दवा का साइड इफेक्ट नहीं होता है। किडनी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं झोला छाप डॉक्टर कहते हैं कि वह किडनी का इलाज जानते हैं। यही कारण है कि रोगी अपना सबकुछ इलाज में गवा देते हैं और जब तक मरीज हमारे पास आता है तब तक उसकी किडनी खराब हो चुकी होती है। इस मौके पर किडनी विभाग के छात्र-छात्राओं की तरफ से एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। इसके अलावा किडनी पर पेंटिंग प्रतियोगिता हुई। जिसमें डायलसिस टेक्नीशियन के छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में डॉ। दिलीप चौरसिया, डॉ। संतोष मौर्या, डॉ। सना, डॉ। अरविंद गुप्ता, डॉ। पूनम, एसआरएन के प्रमुख अधीक्षक डॉ। अजय सक्सेना सहित अन्य डॉक्टर मौजूद रहे। उन्होंने किडनी के रोगों से बचाव पर अपनी बात रखी।