बकरीद से पहले देर रात तक गुलजार रहती है हटिया और करेली जैसी सबसे बड़ी बकरा मंडी

ALLAHABAD: कुर्बानी का त्योहार बकरीद यानि ईद उल अजहा बाइस अगस्त को मनाया जाएगा। इसे लेकर शहर की दो सबसे बड़ी बकरा मंडी हटिया और करेली में सोलह अगस्त से ही रौनक दिखाई दे रही है। बकरों की खरीदारी को लेकर देर रात बारह बजे तक दोनों मंडियों में अकीदतमंद पहुंच रहे हैं। खास बात ये है कि इस बार इटावा और कानपुर की मंडियों से आने वाले जमुनापारी बकरे की खेप की बजाए अकीदतमंदों द्वारा राजस्थानी नस्ल के अझुवा से लाए जा रहे तोतापरी बकरा को अधिक पसंद किया जा रहा है।

रोजाना आ रही बीस गाडि़यां

कानपुर और इटावा के रास्ते और कौशाम्बी के अझुवा से रोजाना टाटा मैजिक से बीस गाडि़यों में जमुनापारी, तोतापरी और देशी बकरे की खेप दोनों मंडियों में पहुंच रही है। यह सिलसिला सोलह अगस्त के बाद से और तेज हो गया है। इसके अलावा शंकरगढ़ व मंझनपुर से देशी बकरों की खेप आ रही हैं। एक-एक गाडि़यों में पांच-पांच किग्रा वजन के देशी बकरा चौक एरिया में जगह-जगह बिक्री के लिए सजाए जा रहे हैं।

वजन से तय करते हैं कीमत

हटिया और करेली बकरा मंडी में पहुंच रहे बकरों की कीमत तीन हजार से लेकर तीस हजार रुपए तक है, लेकिन बकरा मालिक उसकी कीमत वजन के हिसाब से ले रहे हैं। करेली मंडी में बीस-बीस किग्रा वजन के तोतापरी बकरे की कीमत पच्चीस हजार से लेकर तीस हजार रुपए तक है तो हटिया मंडी में पांच-पांच किग्रा वजन के जमुनापारी बकरे की कीमत तीन हजार से लेकर दस हजार रुपए तक रखी गई है। दोनों मंडियों में पांच किग्रा वजन का देशी बकरा एक हजार रुपए में बिक्री के लिए रखा जा रहा है।

आज रातभर सजेगी मंडी

बकरीद का त्योहार बुधवार को मनाया जाएगा। बकरीद की नमाज के बाद अकीदतमंद खुदा की राह में बकरों की कुर्बानी करेंगे। यही वजह है कि मंगलवार को रात भर दोनों मंडियों में बकरों की खरीद-फरोख्त की जाएगी। हटिया मंडी के थोक विक्रेता मोहम्मद असलम ने बताया कि त्योहार के एक दिन पहले पूरी रात बकरों की बिक्री के लिए मंडी को खोला जाएगा।