दुकानों में होने लगा स्वैप मशीन का इस्तेमाल, पब्लिक को राहत

50 फीसदी तक बढ़ा यूज, मॉल एवं बड़े दुकानदारों के यहां दिख रहे ग्राहक

टैक्स कटने के कारण छोटे दुकानदार नहीं रखते स्वैपिंग मशीन

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ALLAHABAD: हजार और पांच सौ रुपए के नोट पर बैन लगने के बाद प्लास्टिक मनी की डिमांड बढ़ गई है। कल तक जो बिजनेसमैन और कस्टमर कैशलेस ट्रांजेक्शन और कार्ड स्वैपिंग से भागते थे। दुकानदार स्वैपिंग मशीन छिपा कर रखते थे। बदली परिस्थितियों में उनके लिए स्वैप मशीन संजीवनी बन गई है। दो दिन के अंदर इलाहाबाद में डेबिट व क्रेडिट कार्ड स्वैपिंग के थ्रू 50 से 60 परसेंट खरीददारी बढ़ गई है। स्वैप मशीन छिपाकर रखने वाले दुकानदारों ने धंधा मरता हुआ देख न सिर्फ मशीन को ऊपर रख दिया, बल्कि मैसेज भी लगा दिया है कि 'वी आर एसेप्टिंग कार्ड हियर'

डेढ़ से दो हजार ही है स्वैप मशीन

शहर में बिजनेस करने वालों की संख्या हजारों में है। लेकिन ज्यादातर का बिजनेस का तरीका अभी भी वही, वर्षो पुराना है। जिसकी वजह से दुकानदार आज भी काफी पीछे हैं। हजारों दुकानदारों के बीच शहर में पांच सौ भी दुकानदार ऐसे नहीं हैं जो स्वैप के जरिए पेमेंट लेते हों। स्वैप मशीन उन्होंने ले जरूर रखी है लेकिन उन्हें कैश ट्रांजेक्शन पर ज्यादा भरोसा था। यही कारण था कि पब्लिक भी इस पर ज्यादा भरोसा नहीं करती थी। इससे यह प्रचलन में नहीं था।

एप के थ्रू भी बढ़ी शॉपिंग

एटीएम व इंटरनेट के बाद अब बैंकिंग ट्रंाजेक्शन स्मार्टफोन एप में शिफ्ट हो रहा है। ऑनलाइन पेमेंट के लिए भी कई बैंकों ने अपने स्मार्ट एप जारी कर दिए हैं, जो रुपयों के लेन-देन को आसान बना रहे हैं। प्लास्टिक मनी के रूप में क्रेडिट-डेबिटकार्ड, स्वैपिंग मशीन, चेक और ई-ट्रांजेक्शन का माध्यम ही अब लेनदेन का सहारा होगा। कई बैंकों ने अपने स्मार्ट एप जारी किए हैं जिनके जरिए बिना किसी परेशानी के पैसा सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर किया जा सकता है।

स्वैप मशीन के लिए आए आवेदन

मार्केट में सामान अवेलेबल है। कस्टमर भी हैं, लेकिन कस्टमर के पास परचेजिंग पॉवर नहीं है। जबकि ज्यादातर कस्टमर के हाथ में डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड है। परचेजिंग को बढ़ाने के लिए अब छोटे व्यापारियों ने भी स्वैप मशीन के लिए आवेदन कर दिया है। करीब 500 से अधिक आवेदन बैंकों में पहुंच चुके हैं, जिस पर वर्क शुरू हो गया है। किसी के द्वारा आवेदन करने पर ये मशीनें बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं। स्वैपिंग मशीन लगवाने के लिए व्यापारी को बैंक में करेंट अकाउंट खुलवाना होगा और उसी पर ये मशीन व्यापारी को उसकी मांग के अनुसार मोबाइल, डेस्कटॉप या लेपटॉप में उपलब्ध करा दी जाएगी। आवेदन के बाद मशीन लगने की प्रक्रिया में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।

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कार्ड पर परचेजिंग फ्री करे सरकार

बिजनेस एक्सपर्ट व कैट के पूर्वी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि अब कैशलेश ट्रंाजेक्शन की ओर आना व्यापारियों की मजबूरी है। इससे एक तरफ जहां व्यापार नंबर वन होगा, वहीं कैश ट्रांजेक्शन में दिक्कत नहीं होगी। सरकार ने कैशलेश ट्रांजेक्शन पर टैक्स खत्म कर दिया है। लेकिन, बैंकिंग चार्ज लिया जा रहा है। व्यापारियों के साथ ही कैट भी सरकार से यह लगातार मांग कर रहा है कि डेबिट-के्रडिट कार्ड पर परचेजिंग फ्री किया जाए। उम्मीद है कि इस बजट में सरकार डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर परचेजिंग फ्री भी कर देगी।