फांसी लगाने वाले बंदी के बैरक से सुसाइड नोट मिलने पर सख्त हुआ प्रशासन

PRAYAGRAJ: केंद्रीय कारागार में विचाराधीन बंदी नीरज मौर्य के फांसी लगाकर जान देने का मामला तूल पकड़ने लगा है। पुलिस ने जेलर धर्मपाल की तहरीर पर जितेंद्र मौर्य के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस जेल के अधिकारियों और नीरज की बैरक के अन्य बंदियों से भी पूछताछ की जाएगी।

गमछे के सहारे लटका मिला था बंदी

मंगलवार की रात केंद्रीय कारागार के सर्किल चार में बंद नवाबगंज निवासी नीरज मौर्य बैरक के बाहर गमछे के सहारे पेड़ पर लटक गया जिससे उसकी मौत हो गई थी। नीरज के बड़े भाई महेंद्र मौर्य ने जेल प्रशासन की प्रताड़ना से तंग आकर मौत को गले लगाने का आरोप लगाया था। जेल प्रशासन ने नीरज के सामान से सुसाइड नोट बरामद होने का दावा करते हुए उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है। इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह का कहना है कि जेल प्रशासन की तहरीर और उसमें संलग्न सुसाइड नोट के आधार पर जितेंद्र मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पूछताछ के बाद सुसाइड नोट की लिखावट की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी जिससे स्पष्ट हो सके कि सुसाइड नोट की राइ¨टग नीरज की है या नहीं?

नीरज की मौत को लेकर डीआइजी जेल गंभीर

विचाराधीन बंदी नीरज के सुसाइड करने के मामले को डीआइजी जेल ने गंभीरता से लिया है। नीरज के परिवार वालों के प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद उन्होंने निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है। फिलहाल प्रताड़ना के चलते मौत की बात सामने आने के बाद डीआइजी जेल बीआर वर्मा ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की थी। डीआइजी का कहना है कि सुसाइड नोट नीरज मौर्य ने ही लिखा था, इसकी गहराई से जांच होने के बाद ही स्पष्ट होगा। फिलहाल प्रथम ²ष्टया प्रताड़ना की बात सामने नहीं आई है। वह सर्किल चार के कार्यालय में लिखापढ़ी का काम भी करता था।