प्रयागराज ब्यूरो । राजीव प्रसाद ने सभी बच्चों को आउट डोर एक्टिविटी में अधिक से अधिक हिस्सा लेने की सलाह दी। डॉक्टर एसएम अब्बास ने बताया कि अगर बच्चों की आंख में तिरछापन है तो इसका इलाज जितनी जल्दी हो सके, कराना। ऐसा न करने पर आंख हमेशा के लिए खराब हो सकती है। डॉक्टर अब्बास ने यह भी बताया कि कोविड के बाद इंडोर और स्क्रीन वर्क ज्यादा हो गया है। इससे मायोपीया महामारी का रूप लेती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार ध्यान न दिया गया तो 2050 तक दुनिया में 50 प्रतिशत लोग मायोपिक हो जायेंगे। मलिका अब्बास ने बताया शूगर के मरीज को अपनी आंखें हर साल चेक कराना चाहिए और अपना पूरा फोकस इस बात पर रखना चाहिए की प्रत्येक दशा में शूगर को नियंत्रित रखा जाय। डॉ एबी श्रीवास्तव ने अंब्लायोपिया और लेजी आंख में कॉन्टैक्ट लेंस की उपयोगिता के बारे में बताया। सात्विक श्रीवास्तव ने लो विजन बुर्जुगों और मरीजों को विभिन्न इंस्ट्रूमेंट और टेक्निक के उपयोग के बारे में बताया। तरुन जग्गी, नेहा प्रशांत, डॉ पंकज चौबे ने विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। बताया कि समलबाई (ग्लूकोमा) एक चोर बीमारी है। इस पर बहुत कड़ी नजऱ रखने की जरूरत है। जागरूकता और लगातार इलाज से इस पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ। सुबोध दीक्षित ने और संचालन मलिका अब्बास ने किया।

प्रदेश भर से जुटे डॉक्टर
चीफ गेस्ट मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एसपी सिंह और स्पेशल गेस्ट तमन्ना इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के डायरेक्ट डॉक्टर सुरेश द्विवेदी, आईओए के अध्यक्ष डॉक्टर सुबोध दीक्षित, एशिया पैसिफिक काउंसिल ऑफ ऑप्टोमेट्री के अध्यक्ष और आईओए के सचिव, राजीव प्रसाद, संयुक्त सचिव एबी श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष नेहा प्रशांत, केजीएमयू के डॉ ओम प्रकाश, एचबी मिश्र, सात्विक श्रीवास्तव, डॉक्टर तरुण जग्गी, मलिका अब्बास आदि ने अपने विचार रखे। दीप प्रज्जवलन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसपी सिंह और तमन्ना इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ सुरेश द्विवेदी ने किया। आईओए के अध्यक्ष डॉक्टर सुबोध दीक्षित, एशिया पैसिफिक काउंसिल ऑफ ऑप्टोमेट्री के अध्यक्ष और आईओए के सचिव, राजीव प्रसाद, संयुक्त सचिव एबी श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष नेहा प्रशांत, केजीएमयू के डॉ ओम प्रकाश, एचबी मिश्र, सात्विक श्रीवास्तव, डॉक्टर तरुण जग्गी, मलिका अब्बास आदि ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।