प्रयागराज (बयूरो)। दारागंज में प्रोग्राम की शुरुआत में भगवान की सवारी सुबह नौ बजे सिंगार भवन से रथ पर सवार होकर संगम स्नान के लिए पहुंची। जहां पर गंगा पुत्र, निषाद, नाई समाज एवं प्रयाग वाल बंधुओं के द्वारा भगवान का संगम पर पूजन अर्चन कर उनकी महाआरती उतारी गई। इसके बाद भगवान की सवार वापसी मार्ग में विभिन्न मंदिरों में दर्शन व पूजन करते हुए वापस सिंगार भवन पहुंची। शाम सात बजे भगवान की सवारी बाजे गाजे के साथ महावीर शर्मा के यहां पहुंची। उसके बाद सुरेश चंद्र राय के आवास पर भगवान पहुंचे, यहां उनका स्थानीय लोगों पूजन और अर्चना किया। भगवान की सवारी ढोल नगाड़ा के साथ निराला मार्ग होते हुए बड़ी कोठी पहुंची। दूसरी तरफ पंडित लोक नाथ भारद्वाज के आवास से भरत जी और शत्रुघ्न जी की सवारी निकली। जो डॉक्टर प्रभात शास्त्री मार्ग से होते हुए बड़ी कोठी पहुंची। दोनों सवारियों के पहुंचने के बाद लीला संयोजक पंडित सियाराम शास्त्री के निर्देशन में पुजारी संजय पाठक के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक तरीके से चारों भाइयों का भरत मिलाप कराया। इसके बाद स्मारिका संयोजक पुरुषोत्तम लाल, सहसंयोजक राजा वर्मा के द्वारा स्मारिका के 45 में अंक का विमोचन भगवान के श्री चरणों में रखा गया।

पजावा के राजगद्दी समारोह में कमिश्नर ने उतारी आरती

श्री महंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी की ओर से बुधवार को भव्य राजगद्दी समारोह का आयोजन हुआ। रामलीला कमेटी प्रांगण में हुए आयोजन के दौरान कमिश्नर, आईजी, डीआईजी ने विधि विधान से पूजन करके भगवान की आरती उतारी। इसके बाद दीप प्रज्जवलित करके सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। राजगद्दी संयोजक मोहन जी टंडन भैया ने बताया कि ब्राह्मणों के मंत्रों के उच्चारण व शहनाई की धुन के साथ राज्य अभिषेक संपन्न कराकर प्रभु श्री राम को अयोध्या का राज सिंहासन सौंपा गया। इस अवसर पर उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र के सौजन्य से मथुरा के कलाकारों द्वारा भजन एवं आकर्षक नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुति की गई। इस मौके पर पूरा प्रांगण राममय हो गया। रामलीला के निर्देशक सचिन कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष अमिताभ टंडन, राजेश मेहरोत्रा, आदि वरिष्ठ कार्यकर्ता वा भक्तगण मौजूद थे।