जैन धर्म के 24-वें तीर्थकर भगवान महावीर की 2615-वीं जयंती पर निकाली गई जन्मोत्सव शोभायात्रा

ALLAHABAD: जैन धर्म के 24-वें तीर्थकर भगवान महावीर की 2616-वीं जयंती रविवार को आस्था और उल्लास के साथ मनाई गई। कर्नलगंज के पाश्‌र्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर और जीरो रोड स्थित मंदिर में बालक वर्धमान का पालना छूने वालों की भीड़ लगी रही। पूरी भव्यता के साथ जन्मोत्सव शोभायात्रा निकालकर जैन समुदाय के लोगों ने भगवान महावीर के संदेश 'जियो और जीने दो' का जयकारा लगाया गया।

निकाली गई प्रभात फेरी

जीरो रोड स्थित जैन मंदिर से सुबह पांच बजे प्रभात फेरी निकाली गई। मंदिर में झंडारोहण किया गया। फिर रथ पर भगवान महावीर की प्रतिमा रख करके धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में हाथी, घोड़ा, पताकाएं, बैंडबाजे के साथ छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं भजन कीर्तन गाते हुए चल रही थीं। शोभायात्रा में राजकुमार वर्धमान की झांकी हर किसी को आकर्षित करती रही। यात्रा बहादुरगंज, चौक, घंटाघर, जानसेनगंज, विवेकानंद मार्ग, एससी वासु रोड होते हुए मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई। जहां वीरेन्द्र जैन व सुनील जैन की अगुवाई में राजकुमार वर्धमान का 108 कलशों से जन्माभिषेक व मंगल आरती उतारी गई। जैन महिला मंडली की सदस्यों द्वारा बालक वर्धमान को पालना झुलाकर बधाई गीत गाया गया तो पालन छूने के लिए समुदाय के लोगों में होड़ लगी रही।

शांति की राह दिखाता सिद्धांत

मंदिर परिसर में जैन साध्वी सिद्ध श्री माताजी ने कहा कि हम अहिंसा के पुजारी दहेज के बदले नारियों की हिंसा करने से अपने को बचाएं। बाला जैन ने कहा कि जब तक हम उनके सिद्धांतों को नहीं अपनाते है तब तक जयंती मनाना केवल दिखावा ही है। भगवान महावीर की जयंती के अवसर पर जैन समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर जैन ध्वज फहराया। सिविल सेवा विशेषज्ञ रनीश जैन की अगुवाई में लोगों ने अल्लापुर, कटरा व दारागंज में समुदाय के लोगों के घरों में ध्वज दिया गया। देर शाम समुदाय के लोगों ने घरों के बाहर दीप प्रज्ज्वलित कर खुशियों को दोगुना किया।