प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में अपेक्षित परिणाम नहीं मिला है। इसमें युवाओं की नाराजगी को भी बड़ा कारण बताया जा रहा है। प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं में सरकार को लेकर बेहद नाराजगी थी। यहां तक कि चुनाव के दौरान वे इस मुद्दे पर बात करने के लिए भी तैयार नहीं थे। अब नतीजे सामने हैं तो युवाओं की नाराजगी को इससे जोड़कर देखा जाने लगा है। प्रतियोगी छात्रों का मानना है कि भर्तियों को लेकर सरकार संवेदनशील नहीं रही। पेपर लीक के प्रकरण ने उनमें निराशा भर दी है।

बार बार लगाते रहे गुहार
बता दें कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान यूपीपीएससी की भर्तियों में व्यापक भ्रष्टाचार का मामला उछला था। इस मुद्दे को भाजपा ने पकड़ा और विधानसभा चुनाव के दौरान 2017 में युवाओं को भरोसा दिलाया कि इसकी सीबीआई जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी। 2017 में प्रदेश में सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप भी दी। यह जांच सात साल बाद भी पेंडिंग है। प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि सरकार ही इसमें सहयोग नहीं कर रही है।

पद से हटाया कार्रवाई नहीं की
उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा 2016 में विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती, प्रधानाचार्य भर्ती और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों के योग्यता और कार्यप्रणाली को लेकर लगातार आरोप लगते रहे थे। यह प्रकरण हाई कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर दो अध्यक्ष बदल तो दिये गये लेकिन सरकार के स्तर पर इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

शिक्षा माफिया पर प्रभावी कार्रवाई नहीं
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी, पीजीटी भर्ती 2013, टीजीटी, पीजीटी 2016, टीजीटी पीजीटी भर्ती 2018, प्रधानाचार्य अशासकीय इण्टर कालेज की भर्ती भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। नियमों की अनदेखी करके नियुक्तियां की गयीं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अध्यक्ष अनिता यादव को अयोग्य मानते हुए तत्काल प्रभाव से कार्य करने पर रोक लगा दिया। इसके बाद भी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं हुई।

समूह ग की भर्ती आयोग ने किया निराश
प्रदेश में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने समूह ग के पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया। यहां भी पेपर लीक कांड हुआ और तमाम भर्तियों को क्लीयरेंस नहीं मिला।

इन भर्तियों की जांच का रिजल्ट नहीं
उत्तर प्रदेश सेवा मण्डल भर्ती घोटाला
मण्डी परिषद भर्ती घोटाला
सिपाही भर्ती 2013 घोटाला
आबकारी सिपाही भर्ती 2013 घोटाला
जलनिगम भर्ती घोटाला
दरोगा भर्ती घोटाला 2011
चकबन्दी लेखपाल भर्ती घोटाला 2015
राजस्व लेखपाल भर्ती घोटाला
ग्राम विकास अधिकारी भर्ती घोटाला 2015

यूपीएसएसएससी में लंबित भर्तियां
संयुक्त तकीनीकी सहायक 2015
जूनियर इंजीनियर 2016
सहायक सांख्यकीय अधिकारी 2016
लेखपाल भर्ती,
मंडी परिषद भर्ती
जूनियर असिस्टेंट भर्ती
जेई 2018 भर्ती
नलकूप चालक भर्ती
वन रक्षक भर्ती
वन दरोगा भर्ती
ग्राम विकास अधिकारी 2018 भर्ती
नर्सिंग ऑफिसर भर्ती
सेविका भर्ती
आईटीआई प्रशिक्षक भर्ती
सहायक सांख्यकी अधिकारी 2018
बोरिंग टेक्नीशियन
एक्स रे सहायक
प्रयोगशाला सहायक भर्ती
वास्तुविद भर्ती

आखिरी बार कब आई कौन सी भर्ती
खंड शिक्षा अधिकारी 2019
लोअर पीसीएस 2019
टेक्निकल असिस्टेंड 2015
एलटी ग्रेड भर्ती 2018
प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज 2020
असिस्टेंट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय 2021
प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018
राजस्व निरीक्षक 2015
परिवहन निरीक्षक 2017
सहायक सांख्यकीय अधिकारी 2018
प्रधानाचार्य सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय 2013
वन दरोगा 2018
बोरिंग टेक्नीशियन 2019
वन रक्षक 2018

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लोकसेवा आयोग के भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जाँच में असहयोग, प्रत्येक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होना, पेपर आउट कराने वालों पर कोई कार्यवाही कठोर नही करना, कई सालों से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों प्रक्रिया लटकाना, पिछले पाँच सालों से शिक्षक भर्ती न आना, युवाओं से योगी सरकार की संवादहीनता से युवाओं में व्यापक आक्रोश था। इसका असर नतीजों पर दिख रहा है।
प्रशान्त पाण्डेय
मीडिया प्रभारी प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति

सरकार सात साल से सरकार कोई भर्ती नहीं निकाल रही। प्रतियोगी छात्र भर्ती की मांग में सड़क पर उतरते हैं तो उन पर लाठी-डंडा बरसाया जाता है। बीटीसी और बीएड करके छात्र भर्ती का इंतजार कर रहे हैं और सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंगी। जो परीक्षा हुई उसमे व्यापक स्तर पर धांधली हुई। पेपर लीक भी एक बड़ा मुद्दा रहा। युवाओं को अनदेखा करना महंगा पड़ गया है भाजपा को।
आशुतोष प्रतियोगी छात्र

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा एलटी ग्रेड भर्ती का विज्ञापन कई वर्षो से जारी नहीं किया गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी की भी भर्ती का कुछ पता नहीं है। सभी विज्ञापन सही समय पर आएं और भर्तियां समय से पूरी होगी तभी प्रतियोगी छात्रों की ऊर्जा का सही उपयोग हो सकेगा। वर्तमान सरकार इसमें असफल रही।
मोहम्मद रिजवी, प्रतियोगी छात्र

अच्छे रोजगार के अवसरों की कमी युवाओं को स्व-रोजग़ार और खराब कामकाजी परिस्थितियों वाली कम वेतन वाली संविदात्मक नौकरियाँ अपनाने के लिए मजबूर करती है। पुलिस भर्ती का पेपर आउट होना, आरओ-एआरओ का पेपर आउट होना युवाओं को निराशा के गर्त में ले गया। इसका असर चुनाव परिणाम पर है।
प्रांशु, प्रतियोगी छात्र