दोपहर बाद हुई जानकारी के बाद शाहगंज स्टेशन चौराहा स्थित रेस्टोरेंट में हड़कंप

नागालैंड निवासी जवानी की अमेठी के त्रिसुंडी स्थित कैंप में थी पोस्टिंग

PRAYAGRAJ: अम्बर फेमिली रेस्टोरेंट के रूम में सीआरपीएफ के जवान टेका लेपदेन की डेड बॉडी जमीन पर पड़ी मिली। बुधवार दोपहर बाद इस बात की जानकारी रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को हुई तो वे सन्नाटे में आ गए। यह रेस्टोरेंट रेलवे स्टेशन गेट के सामने शाहगंज थाना क्षेत्र में स्थित है। पॉश एरिया स्थित इस रेस्टोरेंट में हुई घटना की खबर मिलते ही पुलिस पहुंच गई। छानबीन के लिए फोरेंसिक टीम और एलआईयू के जवान भी पहुंचे। घंटों चली तफ्तीश बाद पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। रूम में मौत कैसे हुई इस बात की स्पष्ट पुष्टि नहीं हो सकी। रेस्टोरेंट के लोग रूम में फिसल कर गिरने से मौत की बात कह रहे हैं। हालांकि इस बात का चश्मदीद कोई नहीं है। ऐसी स्थिति में पुलिस भी जवान के मौत को लेकर आशंकित नजर आई।

नागालैंड के रहने वाले थे जवान

अमेठी के त्रिसुंडी सीआरपीएफ कैंप में तैनात टेका लेपदेन नागालैंड के दीमापुर जिला स्थित ईस्ट थाना नियर एओ चर्च लिंग रीजन डीसी कोर्ट के रहने वाले थे। उनकी शादी मीना टुरला से हुई थी। उन्हें कोई बच्चे नहीं थे। दो भाई और तीन बहनों में बड़े टेका लेपदेन अमेठी से नौ जनवरी को प्रयागराज स्टेशन पहुंचे। यहां स्टेशन के बाहर ठीक सामने अम्बर फेमिली रेस्टोरेंट गए। इस रेस्टोरेंट में वह टूर पर आने आने की बात बताकर रूम बुक किए। रेस्टोरेंट के 212 नंबर रूम में उन्हें ठहरा दिया गया। यह बात दोपहर करीब तीन बजे की है। मंगलवार को वह पेमेंट किए और रूम से चले गए। बताते हैं कि इसके बाद शाम करीब चार से पांच के बीच वह फिर रेस्टोरेंट पहुंचे और रूम बुक किए। इस बार भी उन्हें वही कमरा मिला। वह अपने कमरे में चले गए। दोपहर के वक्त रेस्टोरेंट के नंबर पर एक महिला का कॉल की। वह खुद को बहन बताते हुए बोली कि टेका लेपदेन का मोबाइल नहीं उठ रहा। लगता है सो रहे हैं, उनकी फ्लाइट है उठा दो। रेस्टोरेंट कर्मचारी बताए कि इस पर वह गए तो अंदर से दरवाजा बंद था। काफी प्रयास के बावजूद कोई आवाज नहीं आई तो सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस पहुंची दरवाजा तोड़ा गया। बताया गया कि उनकी बॉडी जमीन पर पड़ी हुई थी। छानबीन में पुलिस को उनका एक आधार कार्ड मिला। मिला जिस पर डी/149 बीएन सीआरपीएफ जैसागर शिवसागर असम लिखा था। पहले तो माना गया कि वे यहीं के निवासी हैं। पड़ताल बाद सही एड्रेस नागालैंड मालूम चला।

ट्रेन पकड़ने के लिए आए थे प्रयागराज

रेस्टोरेंट रूम में सीआरपीएफ जवान की मिली बॉडी की खबर सुन फाफामऊ से महकमे के तमाम अधिकारी शाहगंज थाने पहुंचे

अफसरों ने बताया कि टेका लेपदेन अवकाश लेकर घर जाने के लिए अमेठी से निकले थे यहां ट्रेन पकड़ने के लिए आते थे।

चूंकि टिकट कंफर्म नहीं था लिहाजा वह रेस्टोरेंट में रुक गए होंगे, बाद में उन्हें दिक्कत समझ आई तो ऑनलाइन प्लेन का टिकट बुक कराए प्लेन का टिकट उनकी बहन द्वारा ऑनलाइन बुक किया गया था, वही रेस्टोरेंट में कॉल करके उठाने की बात कर्मचारियों से कही थी

सगी बहन नहीं है कॉल करने वाली

पड़ताल में पता चला कि फोन पर रेस्टोरेंट कर्मचारियों को जो महिला खुद को बहन बताकर फोन की थी वह उनकी सगी बहन नहीं है। वह किसी एयरपोर्ट पर तैनात है। वही जवान के लिए प्लेन का ऑन लाइन टिकट कंफर्म कराकर बताने के लिए फोन कर रही थी। जब फोन नहीं उठा तो उसे रेस्टोरेंट में फोन करना पड़ा।

जवान की अबूझ मौत पर उठ रहे सवाल

रेस्टोरेंट कर्मचारियों के मुताबिक वह यहां नौ जनवरी को रूम बुक किए थे। मतलब यह कि रेस्टोरेंट में अमेठी से आकर वह चार दिनों तक रुके थे। जब अवकाश लिए थे तो छुट्टी के चार दिन कोई रेस्टोरेंट में क्यों गंवाएगा। खैर, मान लिया जाय कि ट्रेन के टिकट कंफर्म नहीं थे। फिर तो यह बात उन्हें अमेठी से चलने के पहले मालूम रही होगी। जब कंफर्म टिकट पर ही जाना था तो वे अमेठी से यहां क्यों आ गए। आ भी गए तो दूसरे दिन ही उसी बहन से कहकर प्लेन का टिकट क्यों नहीं करवा लिए। बारह को रूम छोड़ने के बाद फिर रेस्टोरेंट लौटने की क्या जरूरत थी। जबकि टिकट कराने वाली मुंह बोली बहन विभाग और यह मालूम भी था कि टिकट कंफर्म ही मिलेगा। फिर प्लेन का टिकट वह पहले ही करवा लेते? यदि लोग मान भी लें कि कोई दिक्कत रही होगी तो रेस्टोरेंट का नंबर उस बहन को देने की आवश्यकता क्यों समझे। जबकि उनके पास अपना मोबाइल था और वह सीधे उनसे मोबाइल पर बात कर टिकट की खबर दे सकती थी। ऐसी तमाम बातें हैं जो किसी की समझ नहीं आ रही हैं।

यह कैसी फैसिलिटी है साहब

होटल हो या रेस्टोरेंट रूम बुक कराने के बाद लेकर आदमी रात से दोपहर तक न तो बाहर आता है और न ही आर्डर देता है।

बावजूद इसके कोई भी वेटर या जिम्मेदार उस कस्टमर से यह कुछ पूछने व जानने की जहमत नहीं उठाता

कुछ ऐसा ही हुआ सीआरपीएफ जवान टेका लेपदेन के साथ, सुबह सफाई वाला भी रूम में नहीं गया और न कुछ पूछा गया

यदि रूम में सफाई कर्मी या कोई वेटर चाय नाश्ता पूछने भी गया होता तो बात सुबह ही पता चल गई होती

अब इसे मैनेजमेंट की सुविधा कही जाय या फिर लापरवाही, फिलहाल यह तय कर पाने में हर किसी को मुश्किल होगी