प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ठंड के सीजन में सीट कन्फर्म नहीं हुई और घर से कंबल आदि लेकर नहीं निकले हैं तो भी अब आपको चिंता करने की ज्यादा जरूरत नहीं है। एक्चुअली रेलवे बोर्ड ने इस पर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह फैसला है आरएसी टिकट पर सफर करने वाले प्रत्येक पैसेंजर को बेड रोल प्रदान करने का। इस पर इम्प्लीमेंटेशन भी शुरू हो चुका है। यानी आपको पूरा सफर भले ही बैठकर पूरा करना पड़े लेकिन बेडरोल आपके पास डेडीकेटेड होगा। आपको अपने साथी पैसेंजर के साथ कोई कम्प्रोमाइज नहीं करना पड़ेगा।

अभी तक एक ही बेडरोल मिलता था
ट्रेनों में इन दिनो बेहद रश की स्थिति है। टिकट कन्फर्म मिलना तो है ही बुक टिकट कन्फर्म हो ही जाएगा इसकी भी गारंटी नहीं है। अब तो तत्काल टिकट भी वेटिंग में बुक किये जाने लगे हैं। इसकी भी अपडेट चार्ट प्रिपेयर होने के बाद ही मिल पाता है। चूंकि चार्ट ट्रेन चलने के दो से चार घंटे पहले ही जारी होता है तो बहुत से पैसेंजर्स यात्रा जरूरी होने के चलते वे घर से निकल जाते हैं। कई पैसेंजर्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें ऑफिशियल टूर पर जाना होता है, इसके चलते वे घर से बेडरोल लेकर निकलने की स्थिति में नहीं होते। बाद में पता चलता है कि उसे आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) सीट ही मिली है। इस स्थिति में पैसेंजर को एसी कोच में साइड लोअर की आधी सीट पर बैठकर सफर पूरा करना होता है। अभी तक रेलवे की तरफ से जो व्यवस्था थी उसके मुताबिक एक सीट पर एक ही बेड रोल उपलब्ध कराया जाता है। इस नियम के चलते पूरा किराया पे करने के बाद भी पैसेंजर को न तो पूरी सीट मिलती थी और न ही पूरा बेडरोल।

सभी जोनल रेलवे को पत्र जारी
रेलवे बोर्ड ने इस परेशानी को दूर करते हुए आरएसी सीट वाले दोनों यात्रियों को सेपरेट बेडरोल देने को कहा है। इस संबंध में 18 दिसंबर 2023 को रेलवे बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक शैलेंद्र ङ्क्षसह की तरफ से लेटर भी जारी कर दिया गया है। सभी जोनल रेलवे के जीएम को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि एसी श्रेणाी (एसी चेयरकार को छोड़कर) में आरएसी यात्रियों को भी आरक्षित सीट वाले यात्रियों की तरह ही पूर्ण बेडरोल किट दी जाए। पत्र में बोर्ड द्वारा पूर्व में जारी आदेश का भी जिक्र किया है। अब अगर किसी आरएसी यात्री ने शिकायत की कि उसे बेडरोल नहीं मिला तो उस पर कार्रवाई भी होगी।

आधी सीट, आधा किराया की मांग
आरएसी यात्री को ट्रेन में जैसे ही कोई सीट खाली होती है, चरणबद्ध तरीके से उन्हें दी जाती है। ट्रेन में सवार हो जाने के बाद उन्हें टिकट कैंसीलेशन की अपडेट भी नहीं मिल पाती तो उन्हें पता भी नहीं चलता कि कोई सीट रास्ते में खाली हुई है या नहीं। अक्सर यह शिकायत सामने आती है कि बेस स्टेशन पर सीट न मिलने पर उन्हें पूरे रास्ते आधी सीट पर ही यात्रा करनी पड़ती है। इसे लेकर यात्रियों ने कई बार मांग की है कि अगर सीट आधी है तो किराया भी आधार लिया जाना चाहिए।

एसी कोच में आरएसी टिकट पर यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को अलग अलग बेडरोल उपलब्ध कराने का आदेश हुआ है। इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
हिमांशु शेखर उपाध्याय सीपीआरओ, एनसीआर