प्रयागराज (ब्यूरो)। Railway News: ट्रेन मैनेजरों को ट्राली बैग मंजूर नहीं है। रेलवे अब ट्राली बैग की व्यवस्था लागू करना चाहता है। जिसका ट्रेन मैनेजरों ने विरोध किया है। ट्रेन मैनेजरों ने बुधवार को अपना विरोध जताया। प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म एक पर जमा ट्रेन मैनेजरों ने कहा कि अब उनके साथ ज्यादती की जा रही है। जो उनका काम नहीं है, उसे उनसे कराने की कवायद की जा रही है। यह ट्रेन मैनेजरों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार है। ट्रेन मैनेजरों ने कहा कि रेलवे बोर्ड को अपनी नई व्यवस्था वापस लेनी होगी।
ये चल रही व्यवस्था
मौजूदा व्यवस्था में हर ट्रेन मैनेजर (गार्ड) को एक लाइन बॉक्स मिलता है। इस लाइन बॉक्स में रेलवे की तरफ से दी जाने वाली सामाग्री रहती है। जोकि ट्रेन संचालन के इस्तेमाल की होती है। जब ट्रेन मैनेजर अपने डिब्बे के पास पहुंचते हैं तो वहां मौजूद पोर्टर लाइन बॉक्स को ट्रेन मैनेजर के डिब्बे में रखता है। इसके बाद जब ट्रेन मैनेजर ड्यूटी पूरी करते हैं तो उनके उतरने वाले स्टेशन पर मौजूद पोर्टर लाइन बॉक्स को उतारता है। ये लाइन बॉक्स स्टेशन पर ही रहता है। ट्रेन मैनेजर उसे लॉक करके चले जाते हैं।
ये रहता है लाइन बॉक्स में
ट्रेन मैनेजर को दिए जाने वाले लाइन बॉक्स में जरुरी सामान रखे होते हैं। जोकि ट्रेन के परिचालन में काम आते हैं। लाइन बॉक्स में टेल लैंप, हैंड लैंप, झंडी, पटाखा, फस्र्ट एड बॉक्स और ताला रहता है।
साक्ष्य में काम आता है रफ
ट्रेन मैनेजरों को एक रफ जनरल मिलता है। जोकि ट्रेन मैनेजरों की ड्यूटी के लिहाज से बहुत जरुरी दस्तावेज है। रफ जनरल में ट्रेन मैनेजर अपने ड्यूटी ऑवर में ट्रेन के संचालन की हर गतिविधि नोट करते हैं। कोई मामला होने पर यही रफ जनरल ट्रेन मैनेजर को साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश करना पड़ता है। यह रफ जनरल ट्रेन मैनेजर लाइन बॉक्स में सुरक्षित रखते हैं।
एक अक्तूबर से नई व्यवस्था
रेलवे बोर्ड अब तक चल रही लाइन बॉक्स की व्यवस्था को बदलने जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने एक अक्तूबर से नई व्यवस्था बनाई है। जिसके तहत ट्रेन मैनेजर को अब लाइन बॉक्स के बजाए ट्राली बैग दिया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत ट्रेन मैनेजरों को लाइन बॉक्स उतारने चढ़ाने के लिए मिलने वाली पोर्टर की व्यवस्था बंद कर दी जाएगी। नई व्यवस्था में ट्रेन मैनेजरों को मिलने वाला ट्राली बैग उन्हें खुद लाना ले जाना होगा। और इसी नई व्यवस्था का विरोध ट्रेन मैनेजर कर रहे हैं।
यह हमारा काम नहीं
प्लेट फार्म नंबर एक पर गार्ड लॉबी के पास ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल के आह्वन पर ट्रेन मैनेजर इक_ा हुए। ऑल इंडिया गार्ड््स काउंसिल के जोनल सचिव राजीव मिश्रा ने कहा कि हम ट्रेन मैनेजर ट्रेन के इंचार्ज होते हैं। ट्राली बैग ढोना हमारा काम नहीं है। यह ट्रेन मैनेजर के कार्य क्षेत्र के बाहर है। प्रदर्शन में मंडल सचिव सुधांशू पांडेय, सहायक जोनल सचिव अरुण गौड़, नीरज जोशी, राकेश यादव, रुद्र प्रताप सिंह, अनिल कुमार, सुभाष प्रजापति, सत्यनारायण, सहाबुद्दीन, बीके पाल समेत करीब डेढ़ सौ ट्रेन मैनेजर शामिल रहे।
ट्रेन मैनेजर परिचालन से जुड़े होते हैं। हर यात्री और मालवाहक ट्रेन को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाना ट्रेन मैनेजर का काम होता है। ट्रेन मैनेजर अपनी क्षमता से ट्रेन का परिचालन करते हैं। ऐसे में ट्रेन मैनेजरों से अतिरिक्त कार्य की अपेक्षा उचित नहीं है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
राजीव मिश्रा, जोनल सचिव, ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल
ये होगी समस्या
मौजूदा व्यवस्था में लाइन बॉक्स स्टेशन पर रहता है।
नई व्यवस्था में ट्राली बैग की जिम्मेदारी ट्रेन मैनेजर पर होगी।
ट्राली बैग को ट्रेन मैनेजर को खुद संभालकर रखना होगा।
ट्राली बैग को गॉर्ड लॉबी में आराम करते वक्त या फिर घर जाने पर साथ रखना होगा।
लंबे यार्ड में लॉबी से दूर तक ट्राली बैग ले जाना होगा।
ट्रेन छोडऩे के बाद लाइन बॉक्स की जिम्मेदारी पोर्टर की होती थी।
नई व्यवस्था में ट्रेन मैनेजर को पोर्टर की सुविधा नहीं मिलेगी।
उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ट्राली बैग का विरोध करता है। संघ ने गार्ड्स काउंसिल को समर्थन दिया है। रेलवे बोर्ड को अपना फैसला वापस लेना पड़ेगा। इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।
रुपम पांडेय
संयुक्त महामंत्री, कर्मचारी संघ