प्रयागराज ब्यूरो । दिनरात मेहनत कर खेलों में अपना भविष्य बनाने का सपना देखने वाले खिलाडिय़ों को काफी निराशा हाथ लगी। बात हो रही है प्रो राजेंद्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी की एक घटना की। जिसमेें यूनिवर्सिटी द्वारा बाक्सिंग टीम के सदस्यों को जमकर निराश किया। मामला यह था कि चंडीगढ़ यनिविर्सिटी द्वारा इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन 20 से 23 दिसंबर के बीच किया जा रहा था। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 19 दिसंबर थी। लेकिन राज्य विवि ने बाक्सिंग टीम का टिकट ही 19 दिसंबर को कराया। ऐसे में टीम देरी से चंडीगढ़ पहुंची और बिना खेले की प्रतियोगिता से बाहर हो गई।

खिलाडिय़ों में है निराशा
इंटर यूनिवर्सिटी बाक्सिंग काम्पिटिशन मे प्रतिभाग न कर पाने की वजह से खिलाड़ी काफी निराश है। इस प्रतियोगिता मे प्रतिभाग करने के लिए राज्य विवि अलग-अलग वेट केटगरी के दस खिलाडिय़ों का चयन किया गया था। समय पर न पहुंचने की वजह से खिलाडिय़ों का पंजीकरण नहीं हो सका। जिस पर खिलाडिय़ों का कहना है की इस तरह का फ्राड उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। प्रतियोगिताओं मे प्रतिभाग लेने के लिए खिलाड़ी दिन रात बाक्सिंग रिंग पर पसीना बहाते है।
मानसिक तनाव का हो रहे शिकार
राज्य विवि की इस लापरवाही से खिलाड़ी मानसिक तनाव का शिकार हो रहे है। जिसका सीधा असर उनके अभ्यास पर पड़ रहा है। मानसिक तनाव के चलते खिलाड़ी ठीक ढंग से अभ्यास नहीं कर पा रहे है। जिस वजह से वो आने वाली प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी नहीं कर पा रहे है। इसके चलते उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है।
बाहर करते है अभ्यास
खिलाडिय़ों का कहना है की स्टेट यूनिवर्सिटी मे अभ्यास करने की व्यवस्था नहीं है। जिस वजह से अधिकतर खिलाड़ी स्टेडियम और अन्य संस्थान मे जाकर के अभ्यास करते है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अभ्यास के लिए किसी प्रकार कि कोई मदद नहीं की जाती है। इसके बाद भी खिलाड़ी अपनी यूनिवर्सिटी को मेडल दिलाने के लिए जी-जान से अभ्यास करते है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ खिलाडिय़ों को न तो किट का पैसा दिया जाता है और न ही उन्हें किसी प्रकार का भत्ता दिया जाता है। किट के लिए खिलाडिय़ों से छह सौ रूपए लिया जाता है। इसी के साथ खेलने के लिए अगर कहीं बाहर जाना हो तो रिजर्वेशन तक का पैसा भी खिलाडिय़ों से लिया जाता है।

खिलाडिय़ों को 19 दिसंबर तक चंडीगढ़ पहुंचना था लेकिन किसी कारणवश वह देरी से पहुंचे। इस वजह से उनका जोन भी बदल गया। इसी कारण से वह प्रतियोगिता में भाग नही ले सके।
भास्कर शुक्ला, ख्ेाल सचिव
प्रो राजेंद्र सिंह रज्जू भैया यूनिवर्सिटी