लाल ब्रदर्स पर शिकंजे के बाद आई नौबत

शुआट्स में 20 सितम्बर 2016 को 11वें दीक्षांत समारोह का किया गया था आयोजन

तब राज्यपाल राम नाईक ने तत्कालीन कुलपति प्रो। आरबी लाल के सम्मान में उनके योगदान पर गढ़े थे कसीदे

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: कभी जहां बॉस की एक घुड़की पर पलक झपकते काम हो जाया करते थे। सत्ता के गलियारे में बैठे कद्दावर नेताओं का भी जमावड़ा जब तब लगता ही रहता था। जिसके एक इशारे पर बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को भी कदम पीछे खींच लेने पर मजबूर हो जाना पड़ा। उस प्रोफेसर आरबी लाल के संस्थान सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस में वक्त ने ऐसी करवट बदली कि आज वहां सियापा पसरा हुआ है। शुआट्स के लाल ब्रदर्स का हश्र कुछ ऐसा हुआ है कि साल बीतने को है लेकिन यहां पारंपरिक तौर पर आयोजित होने वाला दीक्षांत समारोह नहीं हो सका है।

स्टूडेंट्स को लगा करारा झटका

शुआट्स के बॉसेस प्रो। आरबी लाल, उनके भाई प्रो। विनोद बी। लाल, भाई प्रो। एसबी लाल कानून की गिरफ्त में हैं। वर्तमान सरकार द्वारा शिकंजा कसे जाने के बाद संस्थान के मुख्य पदों पर फेरबदल भी कर दिया गया। बावजूद इसके शुआट्स में अभी तक पारंपरिक तरीके से आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की कोई प्लानिंग नहीं है। साल 2017 में दीक्षांत समारोह का आयोजन ही नहीं किया गया सका है। इससे यहां के छात्र-छात्राओं को जोरदार झटका लगा है। साल 2017 में यह आयोजन होता तो यह शुआट्स का 12वां दीक्षांत समारोह होता।

स्टूडेंट्स को किया था मोटिवेट

सपने वे नहीं है जो सोते समय देखे जाते हैं। सपने वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते। यह बात उत्तर प्रदेश के गवर्नर राम नाईक ने सपा कार्यकाल में सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस (शियाट्स) नैनी में आयोजित 11वें कन्वोकेशन के मौके पर 20 सितम्बर 2016 को कहीं थी। तब उन्होंने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा था कि आज जब नौकरी के लिए मारामारी की स्थिति है तो हमें कोई ऐसा व्यवसाय करना चाहिए, जिससे हम दूसरों को नौकरी दे सकें। इस दीक्षांत समारोह में चांसलर डॉ। जेए ओलीवर, तत्कालीन कुलपति प्रो। आरबी लाल एवं तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो। राबिन एल प्रसाद भी मौजूद थे।

समारोह में बांटे गये थे स्वर्ण व रजत पदक

ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में कुल 223 स्वर्ण व रजत पदक, 172 पीएचडी की उपाधि, 1853 परास्नातक की उपाधि, 3345 स्नातक की उपाधि वितरित की गयी थी

जिसमें विभिन्न देशों भूटान, अफगानिस्तान, लीबिया, नेपाल, इराक, नाइजीरिया आदि के छात्र-छात्राओं को भी डिग्री वितरित की गई थी।

राज्यपाल ने कुलपति प्रो। आरबी लाल के सम्मान एवं योगदान पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया था।

हां, इस साल कन्वोकेशन नहीं हो सका है। लेकिन इसे फरवरी-मार्च तक आयोजित करवाया जायेगा। इसके लिए राज्यपाल महोदय से भी बात की जायेगी। स्टूडेंट्स का पूरा सहयोग हमें मिल रहा है।

-प्रोफेसर नाहर सिंह,

कार्यवाहक कुलपति शुआट्स