-विदेशों में रहने वाले भाइयों के पास नहीं पहुंच पाई राखी, सूनी रह जाएगी कलाई

-कई देशों ने लगा रखा है बाहर से आने वाले डाक पर बैन

PRAYAGRAJ भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन तीन अगस्त को मनाया जाएगा। लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है। देश में रहने वाली बहनें तो अपने भाइयों को कम से कम पोस्ट सेराखी भेज देंगी, लेकिन सात समुंदर पार रहने वाले भाई-बहनों के अरमान इस बार रक्षाबंधन पर अधूरे ही रह जाएंगे।

एक महीने पहले से भेजी जाती थी राखी

सात समुंदर पार यानी विदेशों में रहने वाले भाई-बहनों के पास राखी भेजने के लिए करीब एक महीने पहले से इंतजाम किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ऐसा कुछ नहीं हो सका। विदेश से आने-जाने वाली डाक व पार्सल पर बैन लगा हुआ है। इसके चलते विदेशों में रहने वाले भाइयों के पास इस बार राखी नहीं पहुंच पाई है। गौरतलब है कि 3 अगस्त को राखी है। ऐसे में दो दिनों में अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड, सऊदी अरेबिया, बहरीन आदि जगहों में रहने वाले भाइयों तक राखियां पहुंच पाना असंभव होगा।

-डाक विभाग भी मात्र 35 देशों में ही अपनी सेवा दे रहा है।

-यूक्रेन (यूरोप), अमेरिका व टेक्सास (ह्यूस्टन) इंग्लैंड (क्लिफटन) में रहने वाले लोगों की भी राखी की बुकिंग नहीं हो पा रही है।

-पोस्ट मास्टर ने बताया कि लगभग 105 देशों में डाक विभाग की सेवा दी जाती है।

-कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल 35 देशों में ही सेवा दी जा रही है।

-हर साल डाक विभाग प्रयागराज द्वारा विदेशों में तीन से चार हजार राखियां भेजी जा रही थी।

इस बार नहीं बन पाई सोने-चांदी की राखी

इस बार रेशम की डोरी वाली राखी का स्टॉक कम होने के साथ इस बार चांदी की राखी का स्टॉक भी अटक गया है। सर्राफा व्यापारी सागर ग्रोवर ने कहा कि इस बार लॉकडाउन होने व सोने चांदी के रेट में बढ़ोतरी होने के कारण लोग सोने व चांदी की राखी नहीं बनवा रहे। हरी ओम ने कहा कि सर्राफा बाजार मंदी की मार झेल रहा है। उपभोक्ता सोने चांदी की खरीद नहीं कर रहे।

भाई प्रयागराज में रहता है। लॉकडाउन के चलते पार्सल बंद था। इस वजह से राखी नहीं भेज पाई। इसके चलते बहुत तकलीफ हो रही है।

-मौमिता मुखर्जी, क्लिफटन

इंजीनियरिंग की पढ़ाई अमेरिका से कर रहा हूं। मेरी मौसी रूची अरोरा प्रयागराज में रहती है। उनकी बेटियां मुझे हर साल राखी बांधती है, लेकिन इस बार राखी लॉकडाउन के चलते नहीं भेज पाई।

-ऋषभ सचदेवा, इंजीनियरिंग स्ट्डी इन अमेरिका

बहन एक महीने पहले राखी भेजती थी, तब जाकर टाइम पर आता था। लेकिन कोरोना वायरस के चलते पार्सल बंद था। ऐसे में राखी नहीं पहुंच पायी।

-अभय प्रताप सिंह सॉफ्टवेयर डिपार्टमेंट (टेक्सास, हॉस्टन यूएसए)

एमबीबीएस की पढ़ाई यूक्रेन (यूरोप) से चल रही है। फैमिली प्रयागराज में रहती है। भाई मंजीत की बहुत याद आ रही है। भाई का कहना है कि इसबार नहीं भेज पाई हो तो अगली बार दो राखी एक साथ भेजना।

-साक्षी कुशवाहा, यूक्रेन (यूरोप)