बसपा नेता राजेश यादव हत्याकांड में नामजद हैं डॉ। मुकुल सिंह, जूनियर डॉक्टर्स ने एसआरएन हॉस्पिटल में कामकाज किया ठप

दो घंटे ठप रही इमरजेंसी, दवाओं का वितरण भी नहीं हुआ, झेल गए मरीज

ALLAHABAD: बसपा नेता राजेश यादव हत्याकांड में घटना के समय साथ रहे राज नर्सिग होम के मालिक और मेडिकल कॉलेज के फेकेलिटी डॉ। मुकुल सिंह का इनवाल्वमेंट क्या है? यह तय होना अभी बाकी है। लेकिन, उनके खिलाफ हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद प्रेशर गेम शुरू हो गया है। डॉक्टर के समर्थन में एनआरएन हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर्स स्ट्राइक पर चले गए। बुधवार को दिन में उन्होंने इमरजेंसी सेवाएं ठप कराने के साथ दवाओं का वितरण भी रोकवा दिया। इससे मरीज झेल गए। मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट स्थितियों को संभालने की कोशिश में लगा रहा लेकिन समाचार लिखे जाने के समय तक उसके कामयाबी नहीं मिली थी।

तैश में आ गए जूनियर डॉक्टर्स

बता दें कि सोमवार की आधी रात के बाद ताराचंद हॉस्टल में बसपा नेता राजेश यादव को गोली मारे जाने के समय डॉ। मुकुल सिंह उनके साथ थे। वहीं घायल राजेश को अपने नर्सिग होम तक ले गए और मौत के बाद सूचना भी पुलिस तक पहुंचाई। उनके अस्पताल के कर्मचारियों ने ही मृतक राजेश की पत्‍‌नी मोनिका को घटना की जानकारी दी थी। राजेश और डॉ मुकुल, पड़ोसी, बिजनेस पार्टनर और पड़ोसी भी बताए जाते हैं। इसके बाद भी मोनिका ने उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद भी पुलिस ने डॉ। मुकुल को हिरासत में नहीं लिया और बुधवार की रात वह एसआरएन हॉस्पिटल के वार्ड बारह में इलाज के लिए भर्ती हो गए। वह एमएलएन मेडिकल कॉलेज के फेकेलिटी भी हैं तो जूनियर डॉक्टर्स उनके साथ खड़े हो गए। शाम चार बजे अचानक जूनियर डॉक्टर्स ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग करते हुए कामकाज ठप कर दिया। शुरुआती दो घंटे तक इमरजेंसी सेवा भी बाधित रही। जिससे मरीजों को भर्ती नही किया गया। वार्डो में जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं देना बंद कर दिया। उन्होंने हॉस्पिटल के बाहर स्थित दवा की दुकानों को बंद करवा दिया। इससे मरीजों की आफत आ गई।

थाने में क्यों बैठाया पुलिस

शाम को जूनियर डॉक्टर्स को कॉलेज प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह ने बातचीत के लिए बुलाया था। इस दौरान जेआर का कहना था कि पुलिस जान बूझकर डॉ। राहुल सिंह को थाने में बैठाकर परेशान कर रही है। उनका कोई कुसूर नही है। उनका उत्पीड़न बंद किया जाए साथ ही मुकुल सिंह पर दर्ज मामला भी वापस लिया जाए। बता दें कि मुकुल और राहुल दोनों मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी मेंबर हैं। प्रिंसिपल का कहना है कि छात्रों की मांग को एसएसपी तक पहुंचा दिया गया है।

दवा के लिए भटके परिजन

कैंपस की दवा की दुकानें बंद हो जाने से मरीज और परिजनों को काफी दिक्कत हुई। उन्हें दवा की तलाश में शहर के दूसरे हिस्सों में जाना पड़ा। कॉलेज प्रशासन का कहना था कि सीनियर्स की छुट्टी को कैंसिल कर दिया गया है। जूनियर डॉक्टर्स की स्ट्राइक गुरुवार तक जारी रहती है तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इमरजेंसी और वार्डो में मरीजों को परेशान नही होने दिया जाएगा। साथ ही जेआर से बातचीत चल रही है। उनसे स्ट्राइक वापस लेने की अपील की जा रही है।

एसआरएन हॉस्पिटल के एसआईसी को वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के आदेश दिए गए हैं। सीनियर्स की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है। जूनियर डॉक्टर्स की मांग से पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

प्रो। एसपी सिंह,

प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

एएमए भी लड़ाई मे कूदा

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के डॉ। अनिल शुक्ला की अध्यक्षता में बुधवार को आकस्मिक बैठक आयोजित की गई। इसमें एएमए सदस्यों ने डॉ। मुकुल सिंह के खिलाफ दर्ज हुए मामले पर चर्चा की। सदस्यों ने प्रशासन से बिना दबाव के निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अपराधी को गिरफ्तार करें लेकिन डॉ। मुकुल के परिवार पर अनावश्यक दबाव न बनाया जाए।