एग्जाम के समय में अचानक हो रही बिजली कटौती से स्टूडेंट्स परेशान

बिजली कटने का फायदा उठाते हैं बदमाश, सिर्फ दावा है 24 घंटे आपूर्ति

ALLAHABAD: यूपी गवर्नमेंट का दावा है कि इलाहाबाद में 24 घंटे पॉवर सप्लाई हो रही है। लेकिन सिविल लाइंस जैसा पॉश एरिया हो या फिर अपना पुराना शहर, जार्ज टाउन या फिर राजरूपपुर करबला का एरिया। कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां पर डे चार से पांच घंटे की बिजली कटौती न हो रही हो। बोर्ड एग्जाम सिर पर है, फिर भी बिजली कटौती जारी है। पॉवर बैकअप न हो तो लोगों के काम अटक जाएं। बिजली कटते ही जहां आम पब्लिक के साथ ही व्यापारियों की समस्या बढ़ जाती है, वहीं बदमाशों व चोर-उचक्कों की तो चांदी कटती है। अंधेरे में सरेआम चोरी-छिनैती शुरू हो जाती है। गर्मी लगी कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गुरुवार को बिजली कटौती से होने वाली समस्या पर चर्चा की तो कर्बला, जार्ज टाउन स्थित प्रेम विहार कॉलोनी और सिविल लाइंस स्थित टीबी सप्रू रोड के वाशिंदों ने अपनी समस्याएं बताई।

स्पॉट-1 करबला

20 घंटे ही मिले, पर समय से मिले बिजली

चर्चा की शुरुआत कर्बला से हुई। जहां लोगों ने बिजली कटौती की चर्चा शुरू होते ही अपनी-अपनी समस्याएं बताई। कसारी मसारी के रहने वाले नावेद अहमद ने कहा कि बिजली कब कट जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। सुबह नहाने के लिए बैठिये तो पता चलता है कि लाईट चली गई।

लूकरगंज निवासी इकबाल अहमद ने कहा कि बिजली कब आएगी, कब जाएगी, कोई समय निर्धारित नहीं है। टाईम शेड्यूल निर्धारित होना चाहिए। उमाशंकर यादव ने कहा कि पहले जब रोस्टिंग होती थी तो पता चलता था कि बिजली दस बजे कटेगी, एक बजे आ जाएगी। लोग अपना शेड्यूल बना लेते थे। लेकिन शेड्यूल न होने से बिजली के साथ ही पानी की समस्या बढ़ जाती है। बिजली भले ही 20 घंटा मिले, लेकिन उसके आने-जाने का समय निर्धारित हो

स्पॉट-2 जार्ज टाउन प्रेम विहार कॉलोनी

बिजली कटते ही एक्टिव होते हैं बदमाश

कर्बला एरिया में चर्चा के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जार्ज टाउन स्थित प्रेम विहार कॉलोनी पहुंची। यहां के लोगों ने बताया कि वे पाश एरिया में रहने के बाद भी सुरक्षित नहीं हैं। दिन दहाड़े महिलाओं के पर्स छीन लिए जाते हैं, चैन स्नेचिंग होती है। छेड़खानी होती है। शाम छह बजे के बाद अंधेरा होते ही बदमाशों की चांदी कटती है। रात में जब बिजली कट जाती है तो फिर घरों में चोरी शुरू हो जाती है।

प्रेम विहार कॉलोनी की प्रमिला भार्गव ने कहा कि जार्ज टाउन एरिया पॉश एरिया है। यहां के वाशिंदे हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, बिजली बिल सब कुछ समय से जमा करते हैं। इसके बाद भी सुविधाएं बराबर नहीं मिलती हैं। सड़क खराब है, नाली की सफाई नहीं होती है। बिजली कब कट जाए कोई फिक्स नहीं है। डीसी जायसवाल ने कहा कि लाईट का कोई समय फिक्स नहीं है। टैगोर टाउन पॉवर हाउस के अधिकारियों का फोन उठता ही नहीं है। शाम होते ही जगत तारन वाली रोड पर परमानेंट अंधेरा रहता है। जहां जुआरियों व शराबियों का अड्डा जमा रहता है। पूरे इलाके में कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। शाम को व रात को बिजली कटते ही कब किसके साथ वारदात हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। डर के मारे महिलाएं घर से बाहर निकलने से डरती हैं। सब्जी लेने के लिए घर से बाहर निकलते ही लूट व छिनैती का शिकार हो जाती हैं।

स्पॉट-3 टीबी सप्रू रोड

हाईटेक टेक्नोलॉजी क्यों नहीं अपनाता बिजली विभाग

जार्ज टाउन एरिया में पब्लिक से बातचीत करने के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सिविल लाइंस स्थित टीबी सप्रू रोड के वृंदावन विहार कॉलोनी में पहुंची। यहां बिजनेसमैनों ने बिजली कटौती की समस्या पर खुल कर न सिर्फ चर्चा की बल्कि कटौती, लाइन लॉस और बिजली चोरी से कैसे छुटकारा मिले, इस पर सुझाव भी दिया।

आईटी एक्सपर्ट श्याम शुक्ला ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन को बिजली चोरी के साथ ही बिजली की खपत कम करने के लिए आईओटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। आईओटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें तो बिजली की बचत होगी। इससे शाम को ऑटोमेटिक बिजली ऑन हो जाएगी, सूरज की पहली किरण पड़ते ही लाईट ऑफ हो जाएगी। ऑफ करने की जरूरत नहीं। सोलर और आईओटी के इस्तेमाल से 25 परसेंट बिजली बचेगी। अंडर ग्राउण्ड बिजली सप्लाई से कटिया बंद हो जाएगा, साथ ही प्रीपेड मीटर की व्यवस्था की जाए, जितना बिल दें, उतने की बिजली कंज्यूम करें। सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने कहा कि बिजली न होने से पढ़ाई बाधित हो रही है। कटियामारी की सबसे बड़ी समस्या यूपी में है। उपभोक्ता सजग होंगे तो बिजली से निजात मिलेगी।

वैसे तो दिन में भी बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। लेकिन इलाहाबाद जैसे शहर में रात के समय एक मिनट के लिए भी बिजली न कटे, इसका विशेष इंतजाम करना चाहिए। क्योंकि रात में बिजली कटते ही सबसे ज्यादा महिलाएं असुरक्षित होती हैं।

प्रमिला भार्गव

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के करीब 60 लाख स्टूडेंट्स पूरे यूपी में बोर्ड एग्जाम दे रहे हैं। हर मोहल्ले में एग्जाम देने वाले 100-50 बच्चे मिल जाएंगे। फिर भी बिजली की आंख मिचौली दिन और रात में जारी है। इससे सबसे ज्यादा परेशान बच्चे हैं।

शांभवी भार्गव

बिजली सेंट्रल से पहले भी मिलती थी, आज भी मिल रही है। मोदी जी ने एक ऐप निकाला, उसके थ्रू आप पता कर सकते हैं कि बिजली का रेट क्या है। अखिलेश जी ने जब डेढ़ रुपये बिजली थी, तब नहीं खरीदा। साढ़े तीन रुपये हुई तो बिजली खरीदी।

अभय प्रताप सिंह

कानून व्यवस्था पर भी कुछ न कुछ होना चाहिए। अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं तो पूरा सिस्टम जाएगा डाउन टू अर्थ। हर चौराहे पर 100 नंबर खड़ी रहती है। लेकिन इसमें सवार पुलिस वाले केवल सुस्ताने का काम करते हैं। बिजली तो भगवानभरोसे है ही।

ऋषि पांडेय

बिजली चोरी पर सब ध्यान देते हैं तो सुधार हो सकता है। बिजली कटती है तो रूटीन लाईफ डिस्टर्ब हो जाती है। पीने के लिए और नहाने के लिए भी पानी नहीं मिलता है। अचानक कटौती तो रोज की दिनचर्या को ही प्रभावित कर देती है, इस पर रोक लगनी चाहिए।

तालिब