प्रयागराज (ब्यूरो)। अभियान के तहत कुल 4500 टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में एक आशा और एक आंगनबाड़ी को शामिल किया गया है। दोनों घर घर जाकर पांच प्रकार की सूचना एकत्र करेंगी। सात से 21 अक्टूबर तक चलने वाले दस्तक अभियान का संचालन स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग मिलकर करेंगे। टीमें जो पांच सूचनाएं एकत्र करेंगी उनमें सबसे पहले बुखार का रोगी, दूसरा कोविड के लक्षण वाले रोगी, टीबी के लक्षण वाले रोगी, कुपोषित बच्चे व जिन घरों में मच्छरों का प्रजनन पाया जाए ऐसे घरों की सूची विभाग को उपलब्ध कराएंगी। सूची में शामिल लक्षण वाले मरीजों को उपचार भी उपलब्ध कराया जाएगा।

फैलाई जाएगी जागरुकता

संक्रामक व संचारी रोग अभियान के तीसरे चरण में लोगों में सक्रामक रोगों के प्रति जागरुकता का संचार भी किया जाएगा। जिसके तहत शिक्षा विभाग विद्यालय में संचारी रोगों के बारे में बच्चों को आसान भाषा में समझाए व पोस्टर, वाद-विवाद, निबन्ध लेखन प्रतियोगिताओं के माध्यम से उन्हें जागरूक करेगा। आईसीडीएस व स्वस्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से डायरिया, दस्त व इस बार आशा कार्यकर्ता ओआरएस का पैकेट व क्लोरीन की टैबलेट का वितरण करेंगी। अभियान में दस विभागों को समन्वय के लिए लगाया गया और नोडल के रूप में स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी सौपी गई है। अभियान को सफल दिशा देने के लिए नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता के उपाय, शुद्ध पेय जल के प्रयोग, मच्छरों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान संचालित करने के साथ क्षेत्रों में फागिंग एवं हाई रिस्क क्षेत्रों में सघन वेक्टर नियन्त्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियां सम्पादित करायेगा।

यहां पर मंडरा रहा है खतरा

शहर में सबसे ज्यादा बाढु ग्रस्त क्षेत्रों में डेंगू व अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। हाल में लौटी बाढ़ के बाद लगातार हो रही बारिश की वजह से जलभराव और गंदगी उत्पन्न हो गई है। जिसकी वजह से संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। इसको लेकर चलाए जाने वाले अभियान की तैयारियों को लेकर गुरुवार को सीडीओ शिपू गिरि ने सभी दस विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने कहा कि घर-घर जाकर बुखार के मरीजों की जांच कर संक्रमित को चिंहित किया जाएगा। इस दौरान सीएमओ डॉ। नानक सरन, डीएमओ आनंद सिंह समेत तमाम अधिकारी उपस्थित रहे।