प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नगर निगम सदन द्वारा स्वकर निर्धारण के लिए मौका दिए जाने के बावजूद खामोश बैठे भवन स्वामियों की मुसीबत नए साल में बढऩे वाली है। क्योंकि 31 दिसंबर के बाद नगर निगम जीआईएस सर्वे में लगाए गए हाउस टैक्स को उन भवनों पर फाइलन मान लेगा। फिर जीआईएस सर्वे में जितना टैक्स बढ़ा है वही पैसा भवन स्वामियों को जमा करना होगा। इतना ही नहीं, हाउस टैक्स के बकाएदारों पर अब नगर निगम शिकंजा कसने के मूड में है। भेजी गई डिमांड नोटिस के बावजूद जिनका हाउस टैक्स बकाया रहेगा उनके खिलाफ कुर्की से लेकर अन्य कानूनी कार्रवाईयां की जाएंगी। बात यहीं से खत्म नहीं होगी, जरूरत पड़ी तो नगर निगम के अफसर केस तक दर्ज कराएंगे।

80 वार्डों के 02 लाख 32 हजार के करीब हैं भवन
93 हजार 213 भवन जीआईएस सर्वे के दायरे में आए थे
53 करोड़ 28 लाख रुपये टैक्स 93213 भवनों से वसूला जाना था
31 दिसंबर तक सदन ने दिया था स्वकर निर्धारण की मंजूरी
42 हजार 216 भवनों के मालिक स्वकर निर्धारण का किए आवेद
34 करोड़ 75 लाख टैक्स 42216 भवनों से नगर निगम ने वसूला
50 हजार जीआईएस में शामिल भवन के मालिक बैठे हैं खामोश

अच्छे से समझिए टैक्स का ट्रैक्क
शहर के भवनों का कराए गए जीआईएस सर्वे के बाद बढ़े हाउस टैक्स को लेकर लोग परेशान हो गए थे। भवन का हर मालिक नगर निगम से लेकर महापौर तक का चक्कर काटने लगा था। वार्डों के पार्षदों से भी लोग मदद की गुहार लगा रहे थे। इस मुद्दे को लेकर सदन की बैठक में पार्षदों के जरिए स्वकर निर्धारण व्यवस्था लागू करने की मांग की। सदन के द्वारा 31 दिसंबर तक स्वकर निर्धारण व्यवस्था की मंजूरी दी थी। कहा था कि इस बीच लोग खुद से अपने घर का सर्वे रिपोर्ट फार्म प्राप्त करके जमा करें। टीमें जांच करके जो भी टैक्स अनर्गल बढ़ा होगा उसे कम किया किया जाएगा। बताते चलें कि शहर में करीब दो लाख 32 हजार कुल भवन है। इनमें आवासी दो लाख पांच हार 574 और अनावासीय यानी व्यवसायिक भवनों की संख्या 26 हजार 979 के करीब बताए गए हैं। विभागीय अफसरों की मानें तो इन भवनों में से कुल 93 हजार 213 भवन जीआईएस सर्वे के दायरे में आए थे, जिनका हाउस टैक्स बढ़ा था। जिनसे नगर निगम को 53 करोड़ 28 लाख की अतिरिक्त आय मिलने वाली थी। मगर, सदन की मंजूरी के बाद स्वकर निस्तारण आवेदन करने वाले 42 हजार 216 भवनों के टैक्स बिल समस्या का निस्तारित किया। इस तरह 42 हजार 216 भवनों की समस्या को निस्तारित करते हुए इनसे करीब 34 करोड़ 75 लाख रुपये का हाउस टैक्स वसूल किया गया। आंकड़ों पर गौर तो जीआईएस सर्वे में शामिल करीब 50 हजार लोग न तो स्वकर निर्धारण प्रणाली के तहत आवेदन किए और न ही टैक्स जमा किए। चूंकि स्वकर प्रणाली व्यवस्था सदन ने 31 दिसंबर तक ही लागू किया था। इस लिए यह डेट समाप्त होने के बाद नगर निगम इन 50 हजार भवन पर जीआईएस सर्वे में लगाए गए हाउस टैक्स को सही मानते हुए वसूली करेगा। मीडिया कर्मियों से हुई वार्ता में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने यह भी कहा कि 31 दिसंबर तक अभी लोगों के पास मौका है। वह वह जीआईएस सर्वे के अगेंस्ट स्वकर निस्तारण प्रणाली के तहत आवेदन कर सकते हैं। बकाएदारों को भेजी गई डिमांड नोटिस पर भी लोग हाउस टैक्स सम्बंधित समस्या को लेकर आवेद कर सके हैं।

इन बकाएदारों को डिमांड नोटिस
हाउस टैक्स जमा नहीं करने वाले बकाएदारों को नगर निगम ने तीन कैटेग्री में डिवाइड किया है।
इनमें 10 हजार से लेकर 50 हजार, 50 हजार से 90 हजार और 90 हजार से एक लाख रुपये तक के बकायेदार हैं
इनमें एक लाख से अधिक टैक्स के बकाएदारों की संख्या 2650 है, जिन पर आठ करोड़ से अधिक का बकाया है।
इन बकाएदारों में 2433 भवन स्वामियों को नगर निगम के द्वारा डिमांड नोटिस जारी किया गया है।
जबकि 50 हजार से अधिक के बकायेदारों की संख्या 5580 है। जिन पर लगभग 37 करोड़ से ज्यादा टैक्स है।
इन बकाएदारों में 4870 भवनों को भी डिमांड नोटिस नगर निगम के द्वारा जारी किया गया है।
इसी तरह 10 से 49 हजार रुपये के टैक्स बकाएदारों की संख्या करीब 35 हजार 294 बताई गई, जिन पर 80 करोड़ 93 लाख हाउस टैक्स बकाया है।

हाउस टैक्स का टोटल रेकार्ड
1.18 लाख ने लोगों ने जमा किया गृहकर
120 करोड़ कुल गृहकर वसूली का है लक्ष्य
53.75 करोड़ इस वित्तीय वर्ष में वसूला गया भवन कर
7520 को टोटल भेजा गया है डिमांड नोटिस
02 लाख 5574 भवन 80 वार्डों में हैं आवासी
26 हजार 989 व्यावसायिक भवन हैं शहर के अंदर

हाउस टैक्स के बकाएदारों को सदन के द्वारा दिया गया समय 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद भी जो लोग स्वकर निर्धारण का आवेदन नहीं कर रहे, उनसे जीआईएस के तहत लगाया गया टैक्स ही वसूला जाएगा। बकाया टैक्स नहीं देने वालों के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो केस भी दर्ज कराया जाएगा।
पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम प्रयागराज