प्रयागराज ब्यूरो ।विद्यालय के आचार्य विजय सिंह ने उनकी यादों को छात्रों के साथ साझा करते हुए कहा कि रज्जू भैय्या का जन्म 1922 में हुआ था। उनके पिता कुंवर बलवीर सिंह उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग में अभियंता थे। वे बाद में मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत हुए। रज्जू भैय्या की प्राथमिक पढ़ाई नैनीताल में हुई थी। मैट्रिक की परीक्षा उन्नाव जनपद से प्रथम श्रेणी से उन्होंने उतीर्ण की। बाद की शिक्षा प्रयाग विश्वविद्यालय में हुई। 21 वर्ष की आयु में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में रू.स्ष्। किया। पूरे विश्वविद्यालय में इनका दूसरा क्रमांक था। इसके बाद वे इसी विश्वविद्यालय में अध्यापक के रूप में नियु1त किए गए। सन 1996 में रज्जू भैय्या ने स्वेच्छा से भौतिक शास्त्र विभागाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया और वे संघ के प्रचारक बन गये। सन 1978 में वह संघ के सरकार्यवाह बने। 1987 तक वे इस पद पर कार्य करते रहे। स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने 1987 में वह पद छोड़ा और नूतन सरकार्यवाह हो वे शेषाद्री के सहयोगी के रूप में सह सरकार्यवाह के नाते कार्य करते रहे। 11मार्च 1994 को अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में तत्कालीन सरसंघचालक बालासाहेब देवरस ने राजेंद्र प्रसाद सिंह च् रज्जू भैय्या को चतुर्थ सरसंघचालक का दायित्व सौंप दिया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य संदीप मिश्र ने किया। इस अवसर पर जनार्दन प्रसाद दुबे, राजेन्द्र मोहन ओझा, जटाशंकर उपाध्याय,ओमप्रकाश तिवारी, राधेश्याम, कनक सिंह, प्रेमप्रकाश सिंह एवं सभी अध्यापक गण उपस्थित रहे।