प्रयागराज ब्यूरो । महिलाएं सर्वाइकल कैंसर को मजाक नहीं समझे। भले ही एक्ट्रेस पूनम पांडे ने अपनी कैंसर से अपनी मौत की खबर को मजाक बता दिया हो, लेकिन सर्वाइकल कैंसर से होशियार रहने की जरूरत है। हर साल हजारों महिलाएं इस बीमारी का शिकार होकर मृत्यु का शिकार हो रही हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है। महिलाओं को पता ही नहीं
होता कि वह अनजाने में किस घातक बीमारी की ओर बढ़ रही हैं।

तीसरे से दूसरे नंबर पर आया सर्वाइकल कैंसर
कुछ साल पहले तक सर्वाइकल यानी गर्भाशय के मुख का कैंसर आंकड़ों पर तीसरे स्थान पर था। लेकिन अब यह दूसरे नंबर पर आ गया है। कारण यह है कि प्रयागराज में इसके मरीजों की संख्या बढ़कर बीस फीसदी हो गई है। हालांकि पहले नंबर पर अभी भी बे्रस्ट कैंसर बना हुआ है। डॉक्टर्स का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। महिलाएं इसकी गंंभीरता को समझ नही रही हैं।
सोसायटी का खुलापन हुआ घातक
एक्सपट्र्स की माने तो पिछले कुछ सालों में महिलाओं में यौन संबंधों को लेकर खुलापन बढ़ा है। वह एक से अधिक पार्टनर को लेकर गंभीर नही हैं। इसकी वजह से वह एचपीवी यानी ह्यूमन पैपेलोमा वायरस के संक्रमण का शिकार हो रही हैं। शुरुआत में वह सर्वाइकल कैंसर के खतरों को हल्के में लेती हैं लेकिन बाद में यह जानलेवा बन जाता है। हालांकि यह क्यूरेबल कैंसर है, लेकिन तीसरी या चौथी स्टेज पर आने पर मरीज को बचा पाना मुश्किल हो जाता है।

ये हैं सर्वाइकल कैंसर के कारण
- एचपीवी यानी ह्यूमन पैपोलोमा वायरस
- सिगरेट
- कमजोर इम्युनिटी पावर
- असुरक्षित यौन संबंध
- मानसिक तनाव
- छोटी उम्र में गर्भधारण करना
- गर्भ निरोधक गोलियों का अधिक सेवन
- अन्य यौन संबंधी बीमारियां

बचाव के तरीके
- सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग जरूरी
- एक से अधिक सेक्सुअल पार्टनर से बचें
- एचपीवी की वैक्सीन लगवाना जरूरी
- धूम्रपान करने से बचें
इन लक्षणों पर रखें नजर
- समय से पहले मेनोपाज होना
- योनी का संकीर्ण हो जाना
- लिम्फोएडीमा
- भावनात्मक प्रभाव
- शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द होना
- किडनी का फेल हो जाना
- खून के थक्के जमना

बजट में वैक्सीनेशन पर जोर
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट में इस बार सरकार ने सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए वैक्सीनेशन को बढ़ाने पर जोर दिया है। सरकार ने कहा है कि जल्द ही इसकी वैक्सीन निशुल्क लगाने की व्यवस्था सरकारी अस्पतालों में की जाएगी। साथ ही प्राइवेट में वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता दिए जाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। मेडिकल स्टोर्स में यह वैक्सीन चार हजार कीमत की है और इसे 15 साल की एज के बाद शादी से पहले लगवाया जाता हे।
सात से आठ परसेंट कैजुअल्टी
डॉक्टर्स का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर की वजह से हर साल सात से आठ फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है। हालांकि यह कैंसर क्योरेबल है और पहले से लेकर तीसरी स्टेज पर आने वाले मरीजो के बचने के चांसेज 92 फीसदी तक होते हैं। अधिकतर मरीजों की किडनी फेल होने से जान चली जाती है। डॉक्टर्स का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए निजी अंगों की हाइजीन बेहद जरूरी है।

महिलाओं में जागरुकता की कमी होने की वजह से सर्वाइकल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर असुरक्षित यौन संबंध एक बड़ा कारण बना है। प्रयागराज में हर साल कैंसर के दस हजार मरीज आते हैं तो उसमें से दो हजार सर्वाइकल कैंसर के होते हैं। पहले और दूसरे स्टेज पर आने वाले मरीजों की जान बचाई जा सकती है।
डॉ। राधा रानी घोष, कैंसर रोग विशेषज्ञ प्रयागराज