प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद में दो-फाड़ की नौबत आ गई है। संगठन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के 22 पदाधिकारियों-कार्यकारिणी सदस्यों ने बुधवार को आकस्मिक बैठक कर वरिष्ठ अधिवक्ता अध्यक्ष अनिल तिवारी पर मनमानी के आरोप लगाते हुए उन्हें एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है। उन्हें सुधरने के लिए एक महीने का मौका दिया गया है और चेताया गया है कि इस दौरान उन्होंने खुद में बदलाव नहीं किया तो उनकी सदस्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी। इस टीम ने अध्यक्ष की तरफ से 13 सितंबर को आमसभा आहूत किए जाने के निर्णय को भी रद कर दिया है।

अध्यक्ष को पावर ही नहीं
आम सभा बुलाने के प्रस्ताव को रद करते हुए कहा गया है कि बाईलाज के अनुसार अध्यक्ष को आम सभा बुलाने का अधिकार ही नहीं है। यह महासचिव ही कर सकते हैं। उधर, अध्यक्ष ने मनमानी के आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि अधिवक्ता निधि बढ़ाने, चाय पकौड़ी बिल तथा अनाधिकृत रूप से कुछ पदाधिकारियों के दिल्ली प्रवास का भुगतान उन्होंने रोक दिया तो बौखलाए पदाधिकारियों-सदस्यों ने बंद कमरे में यह बैठक करके यह फैसला लिया है। उन्होंने ऑफिशियल लेटर जारी करके 13 सितंबर को आमसभा बुलाई है और कहा है कि पैसा अधिवक्ताओं का है तो वही तय करेंगे कि क्या किया जाना चाहिए।

22 पदाधिकारी शामिल
बुधवार की मिटिंग में उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कु। त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा कार्यकारिणी सदस्य अवधेश कुमार मिश्र रत्नेश कुमार पाठक एवं अमरनाथ त्रिपाठी शामिल नहीं हुए। 22 पदाधिकारियों की उपस्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने मिटिंग अध्यक्षता व महासचिव विक्रांत पांडेय ने संचालन किया। मिटिंग में पास किये गये पहले प्रस्ताव के अनुसार भविष्य में समस्त आदेश महासचिव द्वारा ही पास किए जाएंगे। कहा गया कि अध्यक्ष ने महासचिव और संयुक्त सचिव (प्रशासन) को धोखे में रखकर हाई कोर्ट में पीआईएल पर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से न्यायविद् हनुमान मंदिर तोड़े जाने का पक्ष रखा जो पूर्णत: गलत है। कार्यकारिणी बहुमत से इसका विरोध करती है।

अध्यक्ष को एक माह का मौका
इमर्जेंट मिटिंग में अध्यक्ष की सदस्यता एक महीने के लिए निलंबित करते हुए चेतावनी दी गई है कि उन्होंने इस अवधि में अपने आचरण में सुधार नहीं किया तो उनकी सदस्यता रद करने के लिए आम सभा बुलाई जाएगी। बैठक में उपाध्यक्षगण सुभाष चन्द्र यादव, नीरज त्रिपाठी, नीलम शुक्ला, संयुक्त सचिव (प्रशासन) सुमित कुमार श्रीवास्तव संयुक्त सदिय (लाईब्रेरी) अभिजीत कुमार पाण्डेय, संयुक्त सचिव (प्रेस) पुनीत कुमार शुक्ला, संयुक्त सचिव (महिला) आंचल ओझा व कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह तथा कार्यकारिणी सदस्यों में उदिशा त्रिपाठी, कु। मनीषा सिंह, किरन सिंह, अभिषेक मिश्रा, अभिषेक तिवारी, सच्चिदानन्द यादव, दिनेश यादव, राजेश शुक्ला, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव, वेद प्रकाश ओझा, बलदेव शुक्ला, बृजेश कमार सिंह सेंगर की उपस्थिति का दावा किया गया है।

अध्यक्ष बोले महासचिव पर 302 का मामला
बार अध्यक्ष का कहना है कि महासचिव पर 302 का मामला है। इस सिलसिले में उन्होंने क्रिमिनल रिवीजन 3144 /2013 विक्रांत पांडेय बनाम राज्य का उल्लेख किया। कहा कि वह वरिष्ठ अधिवक्ता होने के कारण वादी की तरफ से हैं। इस पर महासचिव का कहना है कि उन्हें 319 में सिर्फ समन तलब हुआ था। वह आरोपित नहीं हैं। कोर्ट ने इसीलिए स्टे दिया हुआ है। और कुछ समय पहले अनिल तिवारी प्रकरण से अलग होने के लिए वकालतनामा दाखिल कर चुके हैं।