प्रयागराज ब्यूरो । गोविंदपुर के रहने वाले अजय कुमार ने ऑनलाइन कैमरे के चालान को चैलेंज किया है। उनका कहना है कि वह एक महीने पहले सिविल लाइंस स्थित म्योहाल चौराहा से लेफ्ट फ्री लेन से गाड़ी को टर्न किया। कुछ घंटे बाद मैसेज आ गया कि आपने ट्रैफिक नियम तोड़ा है। जबकि उनका दावा है कि वह नियम को पालन करते हुये ही वाहन चलाए। यह चालान पूरी तरह से गलत किया गया है। जिसको लेकर उन्होंने ट्रैफिक पुलिस यातायात कार्यालय में शिकायत की है। अगर चालान नहीं सही किया जाता है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

नैनी एडीए कॉलोनी के रहने वाले ज्ञानेश्वर सिंह ने चौराहा से पहले रेड सिग्नल क्रासिंग लाइन से पहले ही अपना वाहन रोक खड़े थे। तभी एक कार पीछे से हार्न देकर निकलने का प्रयास करने लगा। जिसपर उन्होंने पास देते हुये साइड हट गए। कैमरे ने उनका सिग्नल जंप का चालान काट दिया। जबकि उनका दावा है कि जेब्रा क्रासिंग लाइन तक क्रास नहीं किये है। उनके चालान रसीद पर फोटो तक नहीं लगा है।

अतरसुइया निवासी विनोद शर्मा बताते है कि उनके बाइक का भी सिग्नल जंप में चालान हुआ है। जबकि कभी भी उन्होंने सिग्नल जंप नहीं किया है। यातायात पुलिस कार्यालय पहुंच चेक करवाने पर जानकारी हुई कि चालान में उनकी बाइक की फोटो तक नहीं है। चालान लोकेशन व डेट पूछने पर याद कर उन्होंने शिकायत पत्र के जरिए बताया कि उसने दिन शहर में वीआईपी मूवमेंट था और चौराहा का सिग्नल काम नहीं कर रहा था। आखिर कैसे चालान हो गया। चालान न कैंसिल होने पर कोर्ट तक जाने की चेतावनी दी है।


मु_ीगंज निवासी दीपाली ने हेलमेट चालान को चैलेंज किया है। उनका कहना है कि वह ट्रैफिक सिग्नल पर स्कूटी से मौजूद थी। रेड सिग्नल हो रखा था। टाइमिंग काफी ज्यादा दिखा रहा था। जिसपर उन्होंने हेलमेट उतार खड़ी हो गई। जैसे ही सिग्नल ग्रीन हुई तो हेलमेट लगाकर आगे बढ़ गई। इतने देर में उनका 'नो हेलमेटÓ में चालान हो गया। वह चालान कैंसिल कराने के लिए यातायात कार्यालय पहुंची तो स्टाफ द्वारा फोटो दिखा, चालान को सही बताया गया।


इस तरह भी हो रही है गलती
कैमरे वाहन के नंबर को पढऩे में कई बार गलती कर रहे है। ऐसे में कई स्टाइलिश लिखे नंबर को कैमरा नहीं पढ़ पाता है। इसके वजह से दूसरे नंबर का चालान हो जाता है। रेड सिग्नल या बार्डर लाइन छूने पर भी चालान हो रहे है और कई बार गलत होते हैं।

कैसे काम करता है हाई-टेक कैमराहाईटेक कैमरा अधिकतर ट्रैफिक सिग्नल व हाईवे पर लगे हुए होते है। हाईवे पर लगे हाइटेक कैमरे के माध्यम से ओवर स्पीडिंग करने वाली गाडिय़ों और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली गाडिय़ों की ई-चालान काटी जाती है। वहीं ट्रैफिक सिग्नल पर लगे हुई हाईटेक कैमरे की जनर सिग्नल तोडऩे और यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर रहती है।

ऐसे चेक करें चालान
अगर आपको भी चेक करना है कि कहीं आपका तो सड़क पर लगे कैमरों से चालान नहीं कट गया है, तो इसके लिए आपको सबसे पहले इसकी आधिकारिक द्गष्द्धड्डद्यद्यड्डठ्ठ.श्चड्डह्म्द्बड्ढड्डद्धड्डठ्ठ.द्दश1.द्बठ्ठ वेबसाइट पर जाना है। फिर आपको यहां वेबसाइट पर चालान स्टेटस वाला विकल्प दिखेगा, जिसपर आपको क्लिक करना है, अब आपको यहां पर तीन विकल्प मिलेंगे। इसमें चालान नंबर, गाड़ी संख्या और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर होगा। कैमरे से कटे चालान का नंबर अगर आपके पास नहीं ह्रै, तो इसलिए आपको यहां पर गाड़ी संख्या वाला विकल्प चुनना है और फिर गाड़ी संख्या यहां पर दर्ज करनी है।

फुटेज ले लेता है फिर होता है चालान
ट्रैफिक सिग्नल या फिर हाइवे पर लगे हाई-टेक कैमरे अक्सर ऑन रहता है। लेकिन सिटी के अंदर रात दस के बाद बंद हो जाता है। जब ट्रैफिक आवागमन कम रहता है या फिर वीआईपी मूवमेंट रहता है। इस कैमरों की फुटेज डिटेट को डाटा नियंत्रण केंद्र ले जाया जाता है, जहां टीम इन डाटा के माध्यम से उन गाडिय़ों का ऑनलाइन चालान काटती है, जिससे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया हुआ होता है।

सबसे पहले 19 चौराहा पर लगा था कैमरा
16 जुलाई 2020 से कैमरा चालान प्रक्रिया शुरू हुई थी। इससे पहले सिर्फ रेड लाइट जंप पर हो रहा था। इसके बाद बिना हेलमेट, सीट बेल्ट और दोपहिया पर तीन सवारी होने पर भी चालान शुरू हुआ। इसके लिए पुलिस लाइंस में ही कंट्रोल रूम बना हुआ है। 19 चौराहा पर कैमरा से चालन शुरू हुआ। अब धीरे-धीरे हर चौराहा पर शुरू हो गया है।



तकनीकी खामी की संभावना है। किसी का भी गलत चालान होने पर वह डीसीपी यातायात कार्यालय आकर शिकायत करें। तत्काल जांच होगी और गलत चालान पाए जाने पर उसे निरस्त कर दिया जाएगा।
संतोष कुमार, एसीपी ट्रैफिक प्रयागराज