नेशनल टेस्ट एजेंसी ने जेईई मेन और नीट की परीक्षाओं में किया बदलाव
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PRAYAGRAJ: देश के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए छात्रों की राह अब आसान होगी। उन्हें प्रवेश परीक्षा में प्रश्नों के हल करने के लिए अब बढ़े हुए विकल्प मिलेंगे। एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस बार परीक्षा में बदलाव किया है।
कोरोना के चलते बदले नियम
इस बार कोरोना महामारी के कारण क्लासेस न चलने से छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऑनलाइन क्लासेस के कारण पहले जैसी तैयारी नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स काफी असहज थे। ऐसे में एनटीए की ओर से दोनों ही परीक्षाओं में किए गए बदलाव से इस बार स्टूडेंट्स के सलेक्शन की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
यह हुआ बदलाव
- जेईई मेंस में अब 75 के बजाय छात्रों को 90 प्रश्नों में से चुनने का विकल्प मिलेगा
- नीट में 180 के बजाय 200 प्रश्नों का होगा विकल्प
पूरे कोर्स से पूछे जाएंगे सवाल
कोरोना महामारी को देखते हुए सभी बोर्ड की तरफ से इस बार दसवीं और 12वीं की सिलेबस में 30 प्रतिशत की कटौती की गई थी। ऐसे में दोनों ही परीक्षाओं की तैयारी में जुटे 12वीं के स्टूडेंट्स को सबसे पहले बोर्ड के हिसाब से तैयारी पूरी करनी है। लेकिन जेईई मेन और नीट की परीक्षाओं के सिलेबस में कोई कमी नहीं हुई है। पूरे कोर्स से सवाल पूछे जाएंगे। ऐसे में दोनों ही परीक्षाओं की तैयारी में इस बार काफी असमानताएं है। ऐसे में स्टूडेंट्स को डबल स्टैण्डर्ड बनाते हुए तैयारी करनी थी। लेकिन स्टूडेंट्स की इस समस्या को देखते हुए एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जेईई और नीट की परीक्षाओं में क्वैश्चन बढ़ाते हुए स्टूडेंट्स को विकल्प का आप्शन देने की तैयारी है। जिससे स्टूडेंट्स अपनी पसंद के क्वैश्चन का सलेक्शन करके परीक्षा में शामिल हो सके।
रिजल्ट पर सीधे दिखेगा असर
जेईई और नीट की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स परीक्षा में बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हैं। छात्रों का कहना है कि बोर्ड से सिलेबस कम कर दिए गए हैं और दोनों ही परीक्षाओं का सिलेबस पूरा है। स्टूडेंट्स फिलहाल बोर्ड के हिसाब से तैयारी में जुटे हैं। ऐसे में जो चैप्टर नहीं पढ़ रहे हैं, उनके क्वैश्चन को सॉल्व करने की झंझट नहीं रहेगी। क्योंकि आप्शन मिलने के बाद स्टूडेंट्स उन क्वैश्चन को नहीं छूएंगे। ऐसे में गलत आंसर होने पर माइनस मार्किंग का खतरा भी नहीं रहेगा। उसके साथ ही कई अन्य तरीके से भी स्टूडेंट्स को लाभ होगा।
- परीक्षा में यह बदलाव रिजल्ट पर अच्छा असर डालेंगे। क्योंकि काफी सिलेबस इस बार नहीं पढ़ने को मिले हैं। ऐसे में अगर उनसे क्वैश्चन पूछे जाते तो स्टूडेंट्स को दिक्कत होती।
अंशुमान, नीट
- तैयारी के लिए इस बार कम टाइम मिला है। पिछले सालों की तरह माहौल भी नहीं था। ऐसे में ये बदलाव काफी लाभदायक रहेगा।
आजाद सिंह, नीट
- नीट को लेकर पहले ही टेंशन थी, लेकिन इस बदलाव से काफी राहत मिली है। परीक्षा में रिजल्ट बेहतर होने की उम्मीद है।
मो। अनस, नीट
- सिलेबस कम होने से बोर्ड की तैयारी तो अच्छी हो रही है। लेकिन जेईई की तैयारी में दिक्कत हो रही थी। लेकिन अब काफी अच्छा रहेगा।
शुभम पटेल, जेईई
- जेईई में कई बार कई प्रश्न दिक्कत करते थे, लेकिन आप्शन मिलने से काफी राहत मिलेगी। जो प्रश्न पता होंगे, उन्हीं को अटेंप्ट करेंगे।
पीयूष सिंह, जेईई
- एनटीए की ओर से उठाया गया कदम, काफी हेल्पफुल होगा। इससे स्टूडेंट्स को काफी आसानी होगी। खासतौर पर इस बार कई बार जेईई होना है। उससे भी सलेक्शन का चांस बढ़ जाएगा।
आर्यन सिंह, जेईई