- पीसीएस 2018 में हुए बदलाव से असफल अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को लेटर भेज, मिलने का मांगा समय

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PRAYAGRAJ: पीसीएस 2018 का रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही कई विवाद शुरू हो गए हैं। ऐसे में पिछले एक साल में यूपीपीएससी की कार्यप्रणाली में हुए बदलाव ने प्रतियोगियों का मनोबल कमजोर किया है। यही कारण है कि पीसीएस-2018 की परीक्षा के बदलाव से असफल हुए अभ्यर्थी अब अपने ने लिए अतिरिक्त मौके की मांग कर हैं। परीक्षा में असफल और आयु सीमा पूरी कर चुके अभ्यर्थियों ने सीएम से अतिरिक्त मौके की मांग की है। जिससे उन्हें पीसीएस-2021 व 2022 में शामिल होने का मौका मिल सके। प्रतियोगियों ने सीएम को सीधे पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा है।

2018 में पीसीएस में बदल गया था पैटर्न

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2018 की परीक्षा बदले पैटर्न पर कराई थी। अभ्यर्थियों का आरोप है कि अचानक पैटर्न बदलने से उन्हें तैयारी का उचित अवसर नहीं मिला। यही कारण है कि वह सफल नहीं हो सके। ऐसे में कई अभ्यर्थी 2018 के बाद उम्र सीमा पार कर गए हैं। उम्र के अंतिम पड़ाव में पहुंचे अभ्यर्थी आयोग से पीसीएस-2021 व 2022 में शामिल होने का मौका मांग रहे हैं, लेकिन अभ्यर्थियों की मांग पर आयोग गौर करने को तैयार नहीं है। अभ्यर्थी बागीश मिश्र का कहना है कि संघ लोकसेवा आयोग सहित हर भर्ती संस्थान बदलाव करने से पहले अभ्यर्थियों को तैयारी का उचित अवसर देते हैं, लेकिन, यूपीपीएससी ने तैयारी का कोई मौका अभ्यर्थियों को नहीं दिया।

पीसीएस-2018 में हुआ था यह बदलाव

- पीसीएस प्री में निगेटिव मार्किंग की शुरू हुई नई व्यवस्था

- मेंस दो के स्थान पर एक ही आप्शनल सब्जेक्ट को कर दिया गया

- जीएस के पेपर में आब्जेक्टिव प्रश्नों को छोड़कर लिखित प्रश्न पूछे जाना

- जीएस के क्वैश्चन पेपर की संख्या दो से बढ़ाकर चार किए जाना

- इंटरव्यू दो सौ अंकों के स्थान पर सौ अंको का कर दिया जाना