प्रयागराज ब्यूरो । शहर के पौराणिक धार्मिक स्थलों के मेंटिनेंस का कार्य पर्यटकों के लिहाज से होगा। इनमें से कई ऐसे स्थान हैं जहां पर काम शुरू भी हो चुका है। सारे कार्य गैर प्रदेश व विदेश से आने वाले पर्यटकों ध्यान में रखते हुए कराया जा रहा है। पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों गुणवत्ता व प्लान के अनुरूप कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा सोमवार को इन ऑनलाइन इन कार्यों का शिलान्यास किया गया। अफसरों की मानें तो यह सारे कार्य महाकुंभ के पहले इसी साल कम्प्लीट कराए जाएंगे। ताकि समय से इन तीर्थ स्थलों का प्रचार प्रसाद भी किया जा सके।
महाकुंभ 2025 को देखते हुए शहर में तमाम तरह के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इस धार्मिक मेले में अगले वर्ष विदेश तक से पर्यटकों के आने की प्रबल संभावना है। यह देखते हुए पर्यटन विभाग कई ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों को डेवलप करने में जुटा है। विभाग की लिस्ट में फिलहाल करीब आठ मंदिर व धाम शामिल हैं। जहां पर विकास के कार्य कराए जाने हैं। इनमें मंडिला महादेव मंदिर, द्वादश माधव मंदिर, भारद्वाज आश्रम, दशाश्वमेध मंदिर, छोहारा हनुमान मंदिर घाट, तक्षकेश्वर नाथ धाम व शूल टंकेश्वर मंदिर का नाम शामिल हैं। काम कम्प्लीट होने के बाद इन स्थलों का प्रचार प्रसाद विदेश तक में किया जाएगा। ताकि वह प्रयाग के इन ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों के बारे में अच्छी तरह समझ सकें।

पंडि़ला महादेव मंदिर
फाफामऊ चालीस नंबर गोमती के आगे स्थित मंडिला महादेव मंदिर को टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप किया जाएगा। पर्यटन विभाग के द्वारा यहां पर परिसर की सुंदरता को दुरुस्त करने के साथ यात्री शेड, टॉयलेट, पेयजल सुविधा के साथ फसाद लाइटिंग का भी काम कराया जाएगा। इनमें से कुछ कार्य शुरू भी हो गए हैं।

द्वादश माधव मंदिर
यह भी ऐतिहासिक मंदिरों में एक है। इस मंदिर के चारों तरफ बाउंड्री के साथ प्रवेश द्वार और यात्री शेड व टॉयलेट और पेयजल आदि की व्यवस्था होगी। यहां पर रोशनी के लिए रास्ते में स्ट्रीट लाइट और मंदिर पर फसाद लाइट लगाई जाएगी।

भारद्वाज आश्रम
भारद्वाज आश्रम की धार्मिक मान्यता को देखते हुए इसे भी महाकुंभ के पूर्व पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। आश्रम से लेकर आसपास एरिया में सौंदर्यीकरण का काम शुरू बताया गया। पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां पेयजल, टॉयलेट और रोशनी के इंतजाम होंगे।

दशास्वमेध मंदिर
यह मंदिर दारागंज इलाके में स्थित है। मंदिर की महत्ता भगवान राम से जुड़ी बताई जाती है। महाकुंभ में आने वाले पर्यटक इस मंदिर के बारे में भी समझ सकें, इसी मंशा से इस मंदिर में भी रिनोवेशन का काम चल रहा है। संगम या गंगा स्नान बाद लोग यहां पर दर्शन कर सकते हैं।


छोहारा हनुमान मंदिर
यह मंदिर तेलियरगंज के जोंधवल एरिया में गंगा तट के किनारे स्थित है। मंदिर की ऐतिहासिक महत्व बताए जाते हैं। यहां आज भी रोज दर्शन व पूजन के लिए भक्त आते हैं। मंदिर के पीछे गंगा तट पर पर्यटन विभाग स्नान घाट बनाने के साथ सौंदर्यीकरण भी करेगा। ताकि महाकुंभ में भीड़ बढऩे पर श्रद्धालुओं को यहां भी स्नान कराया जा सके।

शूल टंकेश्वर धाम
यह धाम यमुना नगर नैनी साइड अरैल एरिया में स्थित है। इस धाम की मंहत्ता पौराणिक बताई जाती है। यह मंदिर भी पर्यटन विभाग की लिस्ट है। यहां पर भी यात्री शेड, पेयजल, रोड व मंदिर परिसर सौंदर्यीकरण का काम भी पर्यटन विभाग कराएगा। ताकि महाकुंभ में आने वाले पर्यटक यदि यहां पर आएं तो उन्हें दिक्कत नहीं हो।

तक्षकेश्वर मंदिर
यमुना तट पर स्थित तक्षकेश्वर नाथ मंदिर परिसर का भी पर्यटन विभाग कायाकल्प करेगा। यहां मंदिर से लेकर परिसर तक में सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा। इसी के साथ यहां पर्यटकों के लिए टायलेट, यात्री शेड, पेयजल व रोशन आदि की व्यवस्था की जाएगी।

वर्जन
प्रयाग में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं जिनका जिनका उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। इनमें से कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां पर पर्यटन के लिहाज से डेवलपमेंट का काम कराया जाएगा। कुछ स्थानों पर काम शुरू भी हो गया है। इन सारे कार्यों का शिलान्यास सीएम के द्वारा ऑनलाइन कर दिया गया है।
अपराजिता, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी