प्रयागराज (ब्‍यूरो)। राजरूपपुर स्थित बालगृह में रह रहे बच्चों को दूसरे शहरों के बालगृहों में शिफ्ट किया जा रहा है। इसे बंद किए जाने की चर्चा चल रही है। इसी बालगृह में माफिया अतीक अहमद के दो बेटों को रखा गया था और बाद में उन्हें उनकी बुआ की देखरेख में भेज दिया गया। करीब 14 साल पुराने इस बालगृह में अब तक दस हजार से अधिक बंदियों को रखा जा चुका है।

शासन की नीति के तहत उठाया गया कदम
उमेश हत्याकांड के बाद माफिया अतीक के दोनों नाबालिक बेटों को यहां पर 221 दिन तक रखा गया था। इस दौरान यह बालगृह चर्चा में आया था। शुरआत में अतीक की पत्नी ने कोर्ट में अप्लीकेशन लगाकर अपने दोनो नाबालिक बेटों के पता लगाने की गुहार लगाई थी। बाद में पुलिस ने बताया क िदोनो बेटों को इसी बालगृह में रखा गया है। बाद में दोनों को उनकी बुआ की कस्टडी में भेज दिया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह ने बतायाकि शासन की नीति के तहत यहां से बच्चों को दूसरे शहरों वाराणसी, हाथरस और फर्रुखाबाद के बालगृह में भेजा गया है। यहां कुल पचास बच्चों को रखे जाने की क्षमता है। अब यहां दो से तीन बच्चे ही बचे हुए हैं। हालांकि जिला प्राबेशन अधिकारी का कहना है कि इस बालगृह के बंद करने के कोई निर्देश नही है। यहां आने वाले बच्चों को कुछ दिन रखने के बाद बेहतर सुविधा वाले बालगृहों में शिफ्ट किया जाएगा। ं