प्रयागराज ब्यूरो । माघ मेले में ठंड श्रद्धालुओं की परीक्षा ले रही है। अब तक हजारों मरीज मेले में बने अस्पतालों में दस्तक दे चुके हैं। इनमें से कईयों को भर्तिया किया गया तो सैकड़ों मरीजों को रिफर किया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि मेला एरिया में ठंड का अधिक प्रकोप नजर आता है। रात में रेत और नदियों का पानी ठंडा होने से लोगों को संभलकर डुबकी लगानी चाहिए।

दिन निकलने के बाद ठंडा हो जाता है पानी

श्रद्धालुओं का कहना है कि गंगा का पानी मार्निंग में दिन निकलने से पहले हल्का गर्म होता है लेकिन दिन निकलने के बाद यह ठंडा होने लगता है। धूप निकलने पर यह बर्फ की तरह हो जाता है। रात में भी पानी काफी ठंडा रहता है। इस दौरान गंगा में नहाने पर जोर की ठंड लगती है। अगर इस बीच नहाने के बाद तत्काल गर्म कपड़ा नही पहना तो ठंड लगने के पूरे चांसेज होते हैं। ऐसे में सीने में दर्द की शिकायत भी होती है।

अब तक ओपीडी पहुुंचे मरीज- 79379

अब तक पैथोलाजी में हुई कुल जांच- 6875

अस्पतालों में भर्ती हुए कुल मरीज- 1651

अब तक रिफर हुए मरीजों की संख्या- 281

कुल डिस्चार्ज रोगियों की संख्या- 1465

आपरेशन की संख्या- 1

बनाए गए हैं दो अस्पताल

मेले में मरीजों की देखभाल के लिए कुल दो अस्पताल बीस बीस बेड के बनाए गए हैं। इसके अलावा फस्र्ट ऐड पोस्ट भी बनाए गए हैं। यहां डॉक्टरों की तैनाती की गई है। मरीजों को अस्पताल में दिखाया जाता है और गंभीर मरीजों को रिफर किया जा रहा है। सबसे ज्यादा बुजुर्ग मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बढ़ती उम्र में खुद का ध्यान नही रखने से बीमार होने के आसार अधिक होते हैं।

माघी पूर्णिमा को खत्म होगा कल्पवास

बता दें कि कल्पवास माघी पूर्णिमा को खत्म होगा जो 25 फरवरी को होने वाली है। कुल एक माह के कल्पवास में श्रद्धालुओं को भीषण ठंड में गंगा किनारे रहना होता है। इस दौरान वह एक समय भोजन करते हैं और गंगा स्नान करते हैं। जिसकी वजह से भूखे पेट अधिक ठंड लगती है और अक्सर सीने में दर्द के साथ पेट में दर्द की शिकायत होने लगती है। कई बार मरीजों को ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ रहता है।

इस बार ठंड अधिक हुई है। इसकी वजह से बीमार होने वाली संख्या भी अधिक रही है। लेकिन कोई अनहोनी नही हुई। मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराया गया है। जरूरत पडऩे पर मरीजों को भर्ती कर इलाज भी दिया गया है।

डॉ। एके तिवारी, प्रभारी मेला, स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज