प्रयागराज ब्यूरो । दरियाबाद व करैली के जेके आशियाना से मदीने से करबला के सफर पर निकले हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में माहे रजब की अठ्ठाईस को अकीदत व ऐहतेराम के सात जुलूस सफर ए इमाम हुसैन निकाला गया। अनीस जायसी की निजामत में नसीम बिसौनवी ने गमगीन मर्सिया पढ़ा तो डॉ कमर आब्दी, जफर अंढ़ेरवी, अम्बर वसीम व शहीर रालवी ने पेशख्वानी के फरायज अंजाम दिए। मौलाना अशरफ अली गरवी ने मजलिस को खिताब करते हुए मदीने को किन मजबूरीयों में इमाम हुसैन को छोडऩा पड़ा और सन 61 हिजरी को करबला के मैदान में नाना रसूल ए अकरम के दीने मोहम्मदी को बचाने को अपने दोस्त अहबाब और खानवादे को राहें हक़ में कुर्बान कर दिया इसका गमगीन तजकेरा भी किया।
आयोजक बादशाह हुसैन जेया की ओर से निकाले गए जुलूस में अन्जुमन मजलूमिया के राजन अब्बास, अरशद इरशाद हुसैन आदि व अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमिया के नौहाख्वान नेयाज़ुल हसन, हैदर मेंहदी, मो। नजीर हुसैन, आबिद, राहिब हुसैन, मो। रिजवी, सज्जाद करारवी, शीराज, सालिस नकवी, सादिक, शौजफ अम्मार आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए जुलूस निकाला जो देर रात रहमत नगर स्थित इबादत खाने पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ। जुलूस में हजरत अब्बास का अलम, दो ज़ुलजनाह और दो ऊॅटों पर रखी गई अमारी के साथ झूला अली असगर भी जियारत को शामिल रहे। प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक रास्ते भर बड़ी संख्या में अकीदतमन्दों ने जहां फूल माला व सूती चादर चढ़ाकर मन्नतें व मुरादें मांगी वहीं घर के दरवाजों पर मौजूद खवातीनों ने ज़ुलजनाह का इस्तकबाल दूध जलेबी वह भीगी चने की दाल खिला कर किया। जुलूस में बादशाह हुसैन जेया, यशब अब्बास, शौजब रिजवी, हसन आदिल, शैदा रिजवी, काशिफ रिजवी, हुसैन रजा, मिर्जा अजादार हुसैन, नजमुल हुसैन, जैगम अब्बास, हसन टाईगर, असगर अली समेत बड़ी संख्या में अकीदतयन्द व अन्जुमन के सदस्य व पदाधिकारी शामिल रहे।