प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एसआरएन अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर में एचआईवी पीडि़त बच्चों को प्रॉपर दवाएं नही मिल रही हैं। यह लोग व्यस्कों की दवाएं खाने को मजबूर हैं। इससे उन्हे भविष्य में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। वल्र्ड एडस डे पर इस मामले को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर को कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने संज्ञान लिया है। उन्होंने उप निदेशक स्वास्थ्य और प्रिंसिपल एमएलएन मेडिकल कॉलेज को मामले की जांच कर रिपोर्ट मंागी है।

मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़
जो बच्चे एचआईवी से ग्रसित हैं उनके लिए सरकार की ओर से अलग से दवाओं की व्यवस्था की जाती है। उनको कम डोज की दवाएं दी जाती हैं। लेकिन वर्तमान में ऐसा नही हो रहा है। बच्चों की दवाएं खत्म हो जाने से एआरटी सेंटर आने वाले बच्चों को व्यस्क एचआईवी मरीजों की दवाएं दी जा रही है। इनको खाने से बच्चों को अधिक डोज मिल रही है जो उनकी सेहत के लिए बेहतर नही है। दवाओं का जाने अनजाने में अधिक डोज ले लेने से बच्चों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

कार्रवाई करके अवगत कराएं
खबर को संज्ञान में लेने के बाद कमिश्नर ने उप निदेशक स्वास्थ्य और एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रो। एसपी सिंह को मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि इस मामले में जांच कराने के बाद कार्रवाई करके इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने जिले के सभी सरकारी अस्पतालो में एचआईवी की आवश्यक दवाएं मरीजों के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

मामला गंभीर है। एआरटी सेंटर में अगर बच्चों को एचआईवी की प्रॉपर दवा नही मिल रही है तो इसकी जांच होनी चाहिए। मैंने मामले की जांच कराकर कार्रवाई से अवगत कराने का आदेश दिया है।
प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज