सीएस एग्जाम के टॉपर्स ने कही मन की बात

ALLAHABAD: कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स को अक्सर एडवाइज दी जाती है कि वे या तो एमबीए कर लें या सीए के लिए एप्रोच करें। इसका बड़ा कारण कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए फ्यूचर में और कहां अवसर हो सकते हैं। इसके मार्गदर्शन का आभाव होना है। लेकिन कम्पनी सेक्रेटरीज के एग्जाम में सफलता अर्जित करके स्टूडेंट्स ने दिखा दिया है कि उनके लिए कॅरियर की दूसरी संभावनाएं भी हैं। हालांकि फाउंडेशन एग्जाम को क्लीयर करना अभी पहला पड़ाव भर है।

बड़े शहरों में है संभावना

इलाहाबाद सेंटर से पहली रैंक में आने वाली मानसी गुप्ता ने कहा कि कम्पनी सेक्रेटरी बनना किसी का भी ख्वाब हो सकता है। लेकिन क्या किया जाए? क्या पढ़ा जाए? कहां से पढ़ा जाए, फ्यूचर की क्या संभावनाएं हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढना इलाहाबाद जैसी सिटी में टफ है। उन्होंने कहा कि यह बेहतर फील्ड है और बड़े शहरों में बेहतरीन कॅरियर बनाया जा सकता है।

खुद की खोल सकते हैं फर्म

प्रथम रैंक में शामिल दिव्यांसी मिश्रा कहती हैं कि किसी को भी अपने पोटेंशियल के हिसाब से कॅरियर का सिलेक्शन करना चाहिए। इसके लिए बेहतर मेंटर का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई ठान ले कि सीएस करना है तो सारी चीजें अपने आप ही आप ढूंढ लेंगे। प्रथम रैंक में स्थान बनाने वाले सक्षम अग्रवाल कहते हैं कि आम धारणा है कि कॉमर्स वालों के लिए सीए करना बेस्ट होता है। उन्होंने कहा कि सीएस के अलावा खुद की फर्म खोली जा सकती है। जिसके बाद कंपनी सेक्रेटेरियल ऑडिट के लिए अपने आप आपके पास आएंगी।

सेल्फ स्टडी पर करना होगा फोकस

तीसरा स्थान पाने वाली ज्योति मिश्रा कहती हैं कि सिटी में इस एग्जाम के बारे में काफी कम अवेयरनेस है और तैयारी के लिए सेंटर भी ज्यादा नहीं है। ऐसे में सेल्फ स्टडी पर फोकस करना होता है। ज्योति का कहना है कि यदि सीएस के साथ विधि पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर ली जाए तो बतौर अधिवक्ता भी सर्विस शुरू की जा सकती है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन एग्जाम के बाद दो अहम पड़ाव एक्जक्यूटिव और प्रोफेशनल भी होता है।