प्रयागराज (ब्यूरो)। कंप्यूटर विजन और मशीन इंटेलिजेंस दो तेजी से आगे बढऩे वाले क्षेत्र हैं जो विभिन्न उद्योगों और दैनिक जीवन के पहलुओं में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं। यह विचार मुख्य अतिथि प्रो। बीबी चौधरी ने शनिवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के झलवा परिसर में आयोजित दो दिवसीय तीसरे आईईईई इंटरनेशनल कॉन्फ्र ंस ऑन कंप्यूटर विजन एंड मशीन इंटेलिजेंस (आईईईई सीवीएमआई), 2024 का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।
व्याख्यान की क्षमता
प्रो.चौधरी, सम्मेलन संरक्षक ने कहा कि कंप्यूटर विजन से तात्पर्य कंप्यूटर की दृश्य जानकारी की व्याख्या करने की क्षमता से है, जबकि मशीन इंटेलिजेंस में एल्गोरिदम और मॉडल का विकास शामिल है जो मशीनों को डेटा के आधार पर सीखने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। दोनों क्षेत्रों ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण रुचि और निवेश प्राप्त किया है। विशेषज्ञों और उत्साही लोगों ने उनके संभावित प्रभाव पर कई तरह के विचार साझा किए हैं। आईआईआईटी ग्वालियर के निदेशक प्रो एस एन सिंह ने बताया कि कंप्यूटर विजन एल्गोरिदम का उपयोग छवियों या वीडियो में वस्तुओं की पहचान करने के लिए किया जा सकता है जिससे चेहरे की पहचान, स्वायत्त ड्राइविंग और विनिर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण जैसे अनुप्रयोगों को सक्षम किया जा सकता है। इसी तरह मशीन इंटेलिजेंस का उपयोग बड़े डेटासेट का विश्लेषण करने और पूर्वानुमान या सिफारिशें करने के लिए किया जा सकता है जिससे व्यवसायों को सूचित निर्णय लेने और अपने संचालन को अनुकूलित करने में मदद मिलती है।
बदलाव लाने की क्षमता
आईआईआईटी भोपाल के निदेशक प्रो। आशुतोष कुमार सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि कंप्यूटर विजन और मशीन इंटेलिजेंस में समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, मेडिकल इमेजिंग और डायग्नोस्टिक्स में प्रगति से रोगी के परिणामों में सुधार और स्वास्थ्य सेवा की लागत कम करने की क्षमता है। प्रो। केसी संतोष ने कहा कि कंप्यूटर विजन और मशीन इंटेलिजेंस क्षेत्र अभी भी विकास के अपने शुरुआती चरण में हैं, और उनके निहितार्थों को पूरी तरह से समझने के लिए आगे के शोध और चर्चा की आवश्यकता होगी। अंतत: मुख्य चुनौती यह सुनिश्चित करना होगी कि इन तकनीकों को इस तरह से विकसित और तैनात किया जाए जो नैतिक विचारों का सम्मान करे और पूरे समाज को लाभान्वित करे।
अभी है शुरुआती चरण
ट्रिपल आईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर ओपी व्यास ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कंप्यूटर विजन और मशीन इंटेलिजेंस अभी भी विकास के अपने शुरुआती चरण में हैं और उनके निहितार्थों को पूरी तरह से समझने के लिए आगे के शोध और चर्चा की आवश्यकता होगी। अंतत: मुख्य चुनौती यह सुनिश्चित करना होगी कि इन तकनीकों को इस तरह से विकसित और तैनात किया जाए जो नैतिक विचारों का सम्मान करे और पूरे समाज को लाभान्वित करे। डॉ। मोहम्मद जावेद ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित लिया।